बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम किसी लड़की की नहीं हुई हत्या, सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में किया दावा, RJD ने जांच पर उठाए सवाल
बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में किसी लड़की की हत्या नहीं हुई, जो कंकाल और हड्डियां मिलीं थी, वो किन्हीं और बालिग लोगों की थीं। सीबीआई को जांच में हत्या का कोई सबूत नहीं मिला है। जिनकी हत्या होने का शक था,वो सभी 35 लड़कियां जीवित मिलीं है। सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में ये दावे किए गए हैं।
बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सीबीआई की सुप्रीम कोर्ट में जांच रिपोर्ट दायर होने का बाद सियासी बयानबाजी शुरू हो गई। राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने सीबीआई जांच पर सवाल खड़े किए हैं। आरजेडी की ट्वीट में कहा गया है कि सीबीआई ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को ही पूरा पलट दिया! CBI के अनुसार- किसी बच्ची की हत्या हुई ही नहीं! हत्या का कोई सबूत नहीं मिला! नरकंकाल अज्ञात वयस्कों के! अब हो गया न्याय! बजाओ ताली! समझ में आया पलटू की पलटी? केस के जांच की कमान अस्थाना के पास थी! वाह मोदीजी वाह!
दरअसल, मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया है कि वहां पर किसी भी लड़की की हत्या नहीं हुई है। जिनकी हत्या का शक था, वे सब बाद में जिंदा मिली हैं। कोर्ट में सीबीआई की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल पेश हुए हैं।
सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि हत्या का कोई सबूत नहीं मिला है। जिनके मर्डर का शक था,वे सभी सभी 35 लड़कियों को जीवित पाया गया है। वहां से जो हड्डियां मिली हैं,वो कुछ अन्य व्यस्कों की हैं। दावा किया गया है कि सीबीआई जांच में साफ हो गया है कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में किसी भी नाबालिग की हत्या नहीं की गई है।
इससे पहले सीबीआई ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न के 17 मामलों में जांच पूरी हो गई है और जिलाधिकारियों सहित संलिप्त सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट दायर कर दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी स्थिति रिपोर्ट में जांच एजेंसी ने कहा कि चार प्रारंभिक जांच में किसी आपराधिक कृत्य को साबित करने वाला साक्ष्य नहीं मिला. इसलिए कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
सीबीआई ने यह भी कहा कि बिहार सरकार से आग्रह किया गया है कि वह विभागीय कार्रवाई करे। सीबीआई के प्रारूप में जांच परिणाम मुहैया कर संबंधित एनजीओ का पंजीकरण रद्द करने और उन्हें काली सूची में डालने के लिए भी कहा गया है। इससे पहले सीबीआई ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन उत्पीड़न मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश की।
ज्ञात हो कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एक एनजीओ की ओर से संचालित आश्रय गृह में कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया था और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट के बाद मामला प्रकाश में आया था।
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