14 जनवरी के बाद मोदी मंत्रिमडल और बीजेपी संगठन में हो सकते हैं बड़े बदलाव,नए नेताओं को सरकार और संगठन में मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
बीजेपी आलाकमान जल्द ही सरकार और संगठन में बड़ा बदलाव कर सकता है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि जल्दी ही सरकार और संगठन में अहम बदलाव किए जाएंगे,जिससे कि दोनों स्तरों पर ज्यादा मजबूती के साथ काम हो सके और लोगों तक वह प्रभावी ढंग से पहुंच भी सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते महीने अपनी सरकार के पहले छह माह के कामकाज की व्यापक समीक्षा भी की थी।
देश की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में आपको जल्द ही बदलाव देखने को मिल सकते हैं। बीजेपी आलाकमान जल्द ही सरकार और संगठन में बड़ा बदलाव कर सकता है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि जल्दी ही सरकार और संगठन में अहम बदलाव किए जाएंगे,जिससे कि दोनों स्तरों पर ज्यादा मजबूती के साथ काम हो सके और लोगों तक वह प्रभावी ढंग से पहुंच भी सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते महीने अपनी सरकार के पहले छह माह के कामकाज की व्यापक समीक्षा की थी।
दरअसल, लोकसभा चुनावों में बड़ी सफलता और उसके बाद नरेंद्र मोदी सरकार-02 के पहले छह माह में बड़े और एतिहासिक फैसलों का ज्यादा चुनावी लाभ न मिलने से बीजेपी की दिक्कतें बढ़ी हैं। इस दौरान अपने शासन वाले तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी केवल हरियाण में गठबंधन बनाकर सरकार बनाने में सफल हो सकी है। बाकी के राज्यों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। बीजेपी को महाराष्ट्र और झारखंड में सत्ता गंवांनी पड़ी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो व्यापक समीक्षा की थी। उससे भी विभिन्न मंत्रालयों का प्रदर्शन सामने आ चुका है। लगभग आधा दर्जन मंत्रियों जिनके पास दो या उससे ज्यादा मंत्रालय हैं, उनका काम ज्यादा काम होने की वजह से प्रभावित हो रहा है। कुछ मंत्री अपनी ही सफलताओं को जनता तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। ऐसे में सरकार में जल्द अहम बदलाव की संभावना है। संभावना जताई जा रही है कि सरकार बजट पेश करने और दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद ही मंत्रिमंडल में पहला फेरबदल करेगी।
बताया जा रहा है कि बीजेपी को लोगों को यह समझाना पड़ रहा है कि मोदी-02 सरकार में जो बड़े और ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं वे किस तरह से देश के हित में हैं और विरोधी दलों ने ऐसा न करके किस तरह से नुकसान पहुंचाया है। अगर ऐेसे में विरोधी दलों को मजबूत होने का मौका मिलता है तो वे देश को पुरानी स्थिति की और ले जाने की कोशिश करेंगे। केवल सूचनाएं पहुंचाने से काम नहीं चलेगा, लोगों को उसे लेकर जागरुक भी करना पड़ेगा। यही वजह है कि नागरिकता कानून को लेकर बीजेपी को देशव्यापी अभियान चलाना पड़ रहा है।
ज्ञात हो कि इस समय बीजेपी के संगठन चुनाव प्रक्रिया में हैं और नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ उनके भी फरवरी तक ही पूरे होने की संभावना है। ऐसे में संगठन में भी राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर कुछ बदलाव होने की पूरी संभावना है। लगभग आधा दर्जन प्रमुख नेता सरकार और संगठन में इधर से उधर हो सकते हैं। संगठन स्तर पर हाल ही में तीन राज्यों में संघ से जुड़े प्रचारकों को सांगठनिक जिम्मेदारी भी दी गई है।
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