AIMIM ने सपा और भाजपा दोनों को पहुंचाया नुकसान, यूपी में बढ़ गया ओवैसी की पार्टी का वोट
AIMIM के टिकट पर इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में 103 सीट पर उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. हालांकि, सबके सब हार गए. मगर वे भाजपा और सपा दोनों के लिए घातक साबित हुए. 1000 वोट के कम अंतर से जीत-हार के फैसले वाली सीटों के आंकड़ों पर गौर करें तो AIMIM ने भाजपा और सपा दोनों का नुकसान किया है.
Lucknow News: ऑल इंडिया मजलिस-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम/AIMIM) ने आठ सीट पर भाजपा और सपा को हराने में अहम भूमिका अदा की है. यही नहीं चुनावी आंकड़े बताते हैं कि सांसद असद्उद्दीन ओवैसी की पार्टी का यूपी में वोट प्रतिशत बढ़ गया है.
बता दें कि एआईएमआईएम के टिकट पर इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में 103 सीट पर उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. हालांकि, सबके सब हार गए. मगर वे भाजपा और सपा दोनों के लिए घातक साबित हुए. 1000 वोट के कम अंतर से जीत-हार के फैसले वाली सीटों के आंकड़ों पर गौर करें तो एआईएमआईएम ने भाजपा और सपा दोनों का नुकसान किया है. ओवैसी की पार्टी को यूपी में मात्र 4.50 लाख के आसपास वोट मिले हैं. प्रतिशत में देखें तो ये आंकड़ा 0.49% होता है. ओवैसी की पार्टी के 70 से ज्यादा उम्मीदवार 5 हजार से भी ज्यादा वोट हासिल नहीं कर पाए हैं. 2017 में, एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश में 38 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन हिंदी भाषी क्षेत्र में वह अपना खाता खोलने में विफल रही थी, हालांकि उसे लगभग 2 लाख वोट मिले थे. इस बार उसे 22.3 लाख वोट मिले हैं और उसके वोट शेयर में मामूली वृद्धि हुई है.
हालांकि, 2017 के विधानसभा के चुनाव के मुकाबले इस बार इस पार्टी के वोट प्रतिशत में खासा इजाफा हुआ. असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में इस बार फिर आकर मुसलमानों को शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार से दूर रखे जाने का मुद्दा छेड़कर साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश भी की. मुस्लिम समाज के ओबीसी वर्ग की राजनीतिक भागीदारी का सवाल उठाकर ओवैसी ने सपा के वोट बैंक में सेंध लगाने का प्रयास भी किया. मगर यह सारे हथकण्डे काम नहीं आए.
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