सोनौली फोरलेन पर उतर सकेगा वायुसेना का फाइटर प्लेन, NHAI को 5 किलोमीटर सीधी सड़क की तलाश
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गोरखपुर के जंगल कौड़िया से लेकर सोनौली बाईपास तक प्रस्तावित फोरलेन पर आने वाले दिनों में वायुसेना के फाइटर प्लेन उतर सकेंगे। इसके लिए एनएचएआई की टीम एयर स्ट्रिप बनाएगी। एयर स्ट्रिप के लिए विभाग को पांच किलोमीटर सीधी सड़क की तलाश है। इसके लिए विभाग की तरफ से सर्वे किया जा रहा है। वहीं मानक के विपरीत पीपीगंज के पास बने नयन्सर टोल प्लाजा को भी शिफ्ट किया जा सकता है। एनएचएआई ने जंगल कौड़िया से लेकर सोनौली बाईपास तक फोरलेन का प्रस्ताव तैयार किया है। जिसे केन्द्र सरकार की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण का काम तेजी से चल रहा है। नेपाल से सटे होने के चलते सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण फोरलेन पर एयर स्ट्रिप बनाने की तैयारी है। विभाग की तरफ से फोरलेन पर ऐसा टुकड़ा तलाशा जा रहा है, जो पांच किलोमीटर लंबा हो और उसमें मोड़ न हो। रामचौरा से कैम्पियरगंज या फिर कोल्हुई से नौतनवा के बीच एयर स्ट्रिप की संभावना देखी जा रही है। बता दें कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर भी 3300 मीटर लंबी एयर स्ट्रिप बनी है। इसके पहले लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर बने एयर स्ट्रिप पर वायुसेना का विमान उतर चुका है। इसके साथ ही पीपीगंज के नयन्सर टोल प्लाजा को शिफ्ट करने की भी उम्मीद हैं। बता दें कि दो टोल प्लाजा के बीच 60 किलोमीटर की दूरी होती चाहिए। इसके साथ ही टाउन एरिया से टोल प्लाजा की दूरी 10 किलोमीटर होनी चाहिए। दोनों मानकों पर टोल प्जाजा खरा नहीं उतर रहा है।
फोरलेन पर खर्च होंगे 800 करोड़: गोरखपुर से भारत-नेपाल सीमा के सोनौली बॉर्डर तक फोरलेन सड़क को लेकर जमीन अधिग्रहण की प्रकिया पूरी होने को है। भविष्य में सिक्स लेन की संभावना को देखते हुए जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। गोरखपुर और महराजगंज में करीब 131 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण पर करीब 800 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। नेपाल बॉर्डर से सटे सोनौली बाजार को नहीं उजाड़ा जाएगा। फोरलेन को सोनौली बार्डर से करीब दो किलोमीटर पहले मोड़ कर प्रस्तावित इंट्रीग्रेटेड चेक पोस्ट से कनेक्ट कर दिया जाएगा। गोरखपुर और महराजगंज में कुल 130 हेक्टेयर से अधिक जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। ट्रैफिक से बचने के लिए फोरलेन पर दो बाईपास बनाएगा। पहला बाईपास गोरखपुर के पीपीगंज के पास और दूसरा महराजगंज के कोल्हुई के पास बनाया जाएगा।
पहले से बने टू-लेन को बिना उखाड़े ही फोरलेन का निर्माण होगा। सर्वे का काम चल रहा है। फोरलेन पर पांच किलोमीटर लंबाई में ऐसा स्पेस देखा जा रहा है, जहां एयर स्ट्रिप बनाई जा सके। टीम द्वारा सर्वे कार्य पूरा होने के बाद ही फोरलेन को लेकर अंतिम तस्वीर सामने आएगी।
सीएम द्विवेदी, परियोजना निदेशक, एनएचएआई
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