बिहार के सभी निजी आईटीआई की होगी जांच, मानक नहीं पूरा करने वालों की रद्द होगी मान्यता
आईटीआई के निर्माण में कितनी जमीन का इस्तेमाल हुआ है, यह भी देखा जायेगा. खपत के अनुसार बिजली कनेक्शन है या नहीं, कितने कर्मी व तकनीकी कर्मी कार्यरत हैं, यह भी जानकारी ली जायेगी.
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बिहार के 1182 निजी आईटीआई की जांच होगी. केंद्र सरकार ने इस संबंध में एक फॉर्मेट तैयार किया है, जिसके अनुसार अगले दो माह में जांच प्रक्रिया को पूरा किया जायेगा. इसके लिए अधिकारियों की टीम का गठन हो गया है. केंद्र सरकार के निर्देश पर श्रम संसाधन विभाग ने सभी आईटीआइ की माइक्रो स्तर से जांच करने का निर्णय लिया है. जो आईटीआई इस मानक पर खरा नहीं उतरेंगे, उसकी संबद्धता समाप्त की जायेगी. कुल 24 मानकों पर होने वाली जांच में जांच पदाधिकारी हर आईटीआई की ग्रेडिंग करेंगे. इसी आधार पर इनकी मान्यता पर निर्णय लिया जायेगा. वहीं, अधिकारियों के मुताबिक जांच के बाद करीब 100 से अधिक आईटीआई की संबद्धता समाप्त होने की संभावना है.
इन बिंदुओं पर होगी जांच, केंद्र ने तैयार किया है फॉर्मेट:
केंद्र सरकार की ओर से भेजे गये फॉर्मेट में आईटीआई की पूरी जानकारी हासिल करने को कहा गया है. कब से चल रहा है, क्या-क्या सुविधाएं हैं, यह जांच की जायेगी. आईटीआई के निर्माण में कितनी जमीन का इस्तेमाल हुआ है, यह भी देखा जायेगा. खपत के अनुसार बिजली कनेक्शन है या नहीं, कितने कर्मी व तकनीकी कर्मी कार्यरत हैं, यह भी जानकारी ली जायेगी. वहीं, पढ़ाने वाले शिक्षकों (इंस्ट्रक्टर) की संख्या क्या है. तय अवधि के अनुसार प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण हो रहा है या नहीं. आईटीआई में विगत दो वर्षों में नामांकन लेने वाले छात्रों की औसतन संख्या क्या है और पास करने का औसत क्या है.
इसको लेकर अलग से राज्य सरकार बनायेगी रिपोर्ट:
आईटीआई की जांच के लिए राज्य सरकार ने भी अलग से फॉर्मेट बनाया है. इसमें प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं की उपस्थिति, कर्मियों की क्षमता, मशीनों की स्थिति, सिविल संरचना की जांच की जायेगी. साथ ही, राज्य सरकार ने यह भी तय किया है कि आईटीआई में कार्यरत कर्मियों के वेतन का भी सत्यापन हो. इसके तहत पिछले तीन महीने में हुए वेतन भुगतान की जांच के लिए कर्मियों से पासबुक की मांगी जायेगी. गौरतलब है कि पटना सहित पूरे बिहार में चल रहे प्राइवेट आईटीआई में अधिकतर में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है.
आईटीआई की संख्या:
पटना :221, मोतिहारी : 25, बेतिया :10, सीतामढ़ी:14, शिवहर : दो, गोपालगंज:19, सीवान: 25, मुजफ्फरपुर: 57, कैमूर:11, बक्सर: 23, भोजपुर: 52, रोहतास:64, अरवल: 17, औरंगाबाद-37, गया-81, जहानाबाद-31, नवादा-29, नालंदा-81, शेखपुरा :11, लखीसराय-06, जमुई-21, बांका-14, भागलपुर-34, मुंगेर-36, खगड़िया :छह , कटिहार : नौ, पूर्णिया :10, बेगूसराय :28, किशनगंज : तीन, अररिया : दो , मधेपुरा : पांच, सहरसा : चार, सुपौल : दो, मधुबनी :19, दरभंगा :19, समस्तीपुर :38, वैशाली : 56 व सारण : 60
निजी आईटीआई एसोसिएशन का विरोध:
निजी आईटीआई एसोसिएशन के महासचिव दीपक कुमार ने कहा कि राज्य सरकार उन मानकों की जांच कर रही है, जिसके आधार पर मान्यता मिलती है. चल रहे आईटीआई की इस स्तर पर जांच कराना सही नहीं है. ऐसा करना सही नहीं होगा.
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