छठ पूजा पर रोक के विरोध में केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे बीजेपी सांसद मनोज तिवारी घायल, सफदरजंग अस्पताल में भर्ती
दिल्ली में छठ पूजा को लेकर भाजपा द्वारा शुरू की गई सियासी जंग अब और तेज हो गई है। इस बीच मुख्यमंत्री अरविंंद केजरीवाल के घर के बाहर धरना दे रहे बीजेपी सांसद मनोज तिवारी कथित तौर पर चोट लगने से घायल हो गए। उन्हें सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके कान में चोट लगी है। जानकारी के अनुसार, इस साल भी नदी किनारे और सार्वजनिक स्थानों पर छठ पर्व मनाने पर प्रतिबंध के खिलाफ दिल्ली भाजपा नेताओं और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के पास धरना दिया। इस बीच, उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा सांसद मनोज तिवारी विरोध के दौरान घायल हो गए और उन्हें सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और अन्य ने राजधानी में लाखों पूर्वांचलियों द्वारा मनाए जाने वाले त्योहार पर रोक के लिए केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की निंदा की। भाजपा नेता इस रोक को वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। हालांकि, गुप्ता ने सोमवार को कहा था कि छठ पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा और भाजपा शासित नगर निगम इसकी व्यवस्था करेंगे। प्रदर्शनकारियों ने केजरीवाल सरकार से त्योहार पर से प्रतिबंध हटाने के लिए डीडीएमए को एक प्रस्ताव भेजने की मांग की। इससे पहले केजरीवाल ने कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर छठ पर रोक लगाने का फैसला लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को देखते हुए लिया गया है।
वहीं, तिवारी ने छठ पूजा समारोह पर प्रतिबंध लगाने के लिए दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि अगर प्रतिबंध नहीं हटाया गया तो भाजपा दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करेगी। तिवारी ने कहा कि शहर में छठ पूजा पर रोक लगाकर केजरीवाल ने लाखों पूर्वांचलियों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि अगर रोक नहीं हटाई गई, तो वह पूर्वांचलियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। तिवारी ने इस मुद्दे पर दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचली समुदाय के लोगों के साथ बातचीत कर सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा समारोह आयोजित करने पर उनकी राय लेने के लिए 'छठ यात्रा' (Chhath Yatra) शुरू करने का भी ऐलान किया था। बता दें कि, दिल्ली छठ पूजा समिति के पदाधिकारियों ने हाल ही में मनोज तिवारी से उनके आवास पर मुलाकात कर कोविड नियमों का पालन करते हुए यमुना नदी के किनारे, तालाबों और अन्य और सार्वजनिक स्थानों पर त्योहार मनाने का आग्रह किया था।
गौरतलब है कि 30 सितंबर को दिल्ली सरकार ने राजधानी में COVID-19 महामारी का हवाला देते हुए सार्वजनिक स्थानों, सार्वजनिक मैदानों, नदी तटों और मंदिरों में छठ पूजा उत्सव की अनुमति नहीं दी जाएगी। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा जारी एक आदेश में जनता को अपने घरों में ही छठ पूजा मनाने की सलाह दी गई है। छठ पूजा चार दिवसीय त्योहार है और राष्ट्रीय राजधानी में बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश के रहने वाले लोग (जिन्हें पूर्वांचली भी कहते हैं) बड़ी सख्या में इसे मनाते हैं।
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