पलास्टिक कचरा लाओ,भरपेट भोजन खाओ, प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार की अनोखी पहल
गार्बेज कैफै में 1 किलो प्लास्टिक लाने पर खाना दिया जाएगा, जबकि आधा किलो प्लास्टिक लाने पर नाश्ता कराया जाएगा। नाश्ते में समोसा, आलू चाप, ब्रेड चाप, इडली मिलेगी। एक किलो प्लास्टिक के बदले में दो सब्जी, 4 रोटी, हाफ प्लेट चावल, दाल, सलाद, अचार, पापड़, मीठा दही दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ की कांग्रेस नीत सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनोखी योजना की शुरुआत की है। सरकार की इस योजना के तहत प्लास्टिक कचरा लाओ और भरपेट भोजन खाओ। जी हां, पढ़ने और सुनने में यह बात आपको अजीब जरूर लग रही होगी, लेकिन छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर के गार्बेज कैफे में इसकी शुरुआत हो गई है। यह अपने आप में देश का पहला ऐसा कैफे है, जो प्लास्टिक कचरे के बदले में लोगों को नाश्ता और खाना मुहैया करा रहा है।
गार्बेज कैफै में 1 किलो प्लास्टिक लाने पर खाना दिया जाएगा, जबकि आधा किलो प्लास्टिक लाने पर नाश्ता कराया जाएगा। नाश्ते में समोसा, आलू चाप, ब्रेड चाप, इडली मिलेगी। एक किलो प्लास्टिक के बदले में दो सब्जी, 4 रोटी, हाफ प्लेट चावल, दाल, सलाद, अचार, पापड़, मीठा दही दिया जाएगा।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने शहर के प्रतीक्षा बस स्टैंड पर खुले गार्बेज कैफे का उद्घाटन किया है। पहले ही दिन पांच लोग प्लास्टिक कचरा लेकर कैफे पहुंच गए। इन सभी ने स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के साथ गार्बेज कैफे में भोजन भी किया। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि वह भोजन की क्वॉलिटी चेक करना चाहते थे, जो काफी अच्छी है। उन्होंने इसे नगर निगम की बेहद सराहनीय पहल बताया। साथ ही कहा कि इससे पूरे देश को एक संदेश जाएगा।
दरअसल, अंबिकापुर नगर निगम की यह योजना शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने की यह पहल है। सफाई के मामले में इंदौर के बाद दूसरे नंबर पर अंबिकापुर का नाम आता है। कोई भी व्यक्ति यहां प्लास्टिक कचरा ला सकता है और भरपेट भोजन या नाश्ता कर सकता है।
वास्तव में अंबिकापुर नगर निगम शहर में भूखे पेट सोने वालों और गरीबों को मुफ्त भोजन कराने की योजना पर लंबे समय से काम कर रहा था। निगम के सदन में भी इस बात को उठाया गया। हालांकि फिर तय हुआ कि निशुल्क भोजन समस्या का समाधान नहीं हो सकता।
अंबिकापुर देश में इंदौर के बाद स्वच्छता के मामले में दूसरे नंबर पर है। इसके बावजूद यहां प्लास्टकि कचरा की सबसे बड़ी समस्या है। पॉलिथीन और पॉली बैग्स हटाने को लेकर कवायद जारी है। ऐसे में प्लास्टिक कचरे को हटाने के लिए इस योजना को अमली जामा पहनाया गया।
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में इससे पहले इस तरह की ‘कचरा लाओ मुफ्त में भोजन पाओ’ योजना शुरू की गई है। इसमें सड़क पर बिखरा कचरा प्लास्टिक की थैली में नगर निगम में देने पर फूड कूपन दिया जाता है, जिसके जरिए लोग निगम द्वारा चलाई जा रही रसोई में मुफ्त भोजन कर सकते हैं।
Comments (0)