कांग्रेस महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन सरकार बनाने पर राजी,कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में लगी मुहर!
महाराष्ट्र में सरकार गठन का रास्ता अब खुलता दिख नजर आ रहा है। गुरुवार को दिल्ली में 10 जनपथ पर कांग्रेस कार्यसमिति की हुई बैठक में शिवसेना के साथ महाराष्ट्र में सरकार गठबंधन के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि कांग्रेस कार्यसमिति, शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने पर राजी हो गई है।
महाराष्ट्र में सरकार गठन की कवायद जारी है। महाराष्ट्र में सरकार गठन का रास्ता अब खुलता दिख नजर आ रहा है। गुरुवार को दिल्ली में 10 जनपथ पर कांग्रेस कार्यसमिति की हुई बैठक में शिवसेना के साथ महाराष्ट्र में सरकार गठबंधन के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि कांग्रेस कार्यसमिति, शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने पर राजी हो गई है।
कांग्रेस कार्यसमिति की इस बैठक में केसी वेणुगोपाल, अधीर रंजन चौधरी, अंबिका सोनी, अहमद पटेल, एके एंटनी और अन्य कांग्रेसी नेता शामिल हुए। बैठक के बाद कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने बताया कि महाराष्ट्र से जुड़ी बातों को कांग्रेस कार्यसमिति के सामने रखा गया है,आज फिर कांग्रेस-एनसीपी के बीच बातचीत जारी रहेगी और शुक्रवार को मुंबई में सरकार बनाने पर फाइनल फैसला लिया जाएगा।
कांग्रेस कार्ययमिति की बैठक के बाद महाराष्ट्र के प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'हमने राकांपा के साथ अपनी बातचीत के बारे में सीडब्ल्यूसी को जानकारी दी है।' महाराष्ट्रा कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थारोट ने कहा,’ पांच साल तक सरकार चलाने के कुछ मुद्दों पर स्पष्ट होना बेहद जरूरी है। बातचीत जारी है। शुक्रवार तक हमारी बात फाइनल हो जाएगी.आज ही हम मुंबई के लिए रवाना होंगे।’
कांग्रेस नेताओं के बयान से साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस कार्यसमिति में सरकार बनाने पर फैसला हो चुका है, बस अंतिम मुहर लगना बाकी है। और तीनों पार्टियों की शुक्रवार को मुंबई में एक बैठक प्रस्तावित है, जहां गठबंधन की घोषणा हो सकती है।
दरअसल, महाराष्ट्र में सरकार गठन का जो नया फार्मूला सामने आ रहा है। उसके मुताबिक महाराष्ट्र में ढाई साल शिवसेना और ढाई साल एनसीपी का मुख्यमंत्री होगा। हालांकि,पहले ढाई साल शिवसेना का ही मुख्यमंत्री रहेगा। कांग्रेस को पूरे पांच साल के लिए उपमुख्यमंत्री का पद दिया जा सकता है।
आपको बताते चलें कि कांग्रेस-एनसीपी के बीच बुधवार को पांच घंटे की लंबी बैठक चली थी, जो लगभग आधी रात खत्म हुई और उसके बाद शिवसेना के साथ एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर सहमति बनी।
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