Corona Update : 30 अप्रैल तक कोरोना वायरस के प्रसार में आएगी तेजी,ICMR के वैज्ञानिकों का दावा, केंद्र सरकार ने छह अंतरमंत्रालयी विशेष टीमों का किया गठन
वैज्ञानिकों के अनुसार 30 अप्रैल तक देश में वायरस के प्रसार में तेजी आएगी। लिहाजा,प्रतिदिन संक्रमण की संख्या भी बढ़ेगी। इस दौरान कोरोना संक्रमण अपने चरम पर होगा। लेकिन उसके बाद ग्राफ नीचे आने लगेगा। यही कारण है कि जिन जिलों में कोरोना के नए मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, वहां की कमान केंद्र सरकार ने अपने हाथ में ले ली है।
भारत में कोराना वायरस लगातार अपना पैर पसार रहा है। कोराना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है। रोजाना 35 से 40 लोगों की मौत भी हो रही है। चिंता की बात यह भी है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अगला दस दिन भारत के लिए सबसे अधिक चुनौतियों वाला साबित हो सकता है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने इसके संकेत दिए हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार 30 अप्रैल तक देश में वायरस के प्रसार में तेजी आएगी। लिहाजा,प्रतिदिन संक्रमण की संख्या भी बढ़ेगी। इस दौरान कोरोना संक्रमण अपने चरम पर होगा। लेकिन उसके बाद ग्राफ नीचे आने लगेगा। यही कारण है कि जिन जिलों में कोरोना के नए मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, वहां की कमान केंद्र सरकार ने अपने हाथ में ले ली है।
केंद्र सरकार की ओर से इसके लिए छह अंतरमंत्रालयी विशेष टीमों का गठन कर दिया है। इसमें से दो-दो महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के लिए हैं और एक-एक मध्य प्रदेश और राजस्थान के लिए बनाई गई है। टीम में अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी होंगे,ताकि वरिष्ठता के आधार पर वह ठोस निर्णय ले सकें। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र के आकलन का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि अगले दो-तीन दिन में स्थिति और भी साफ हो जाएगी।
दरअसल,पीक पर पहुंचने का अर्थ यह है कि भारत इसका आकलन करने के लिए पूरी तरह तैयार होगा कि अब कदम किस दिशा में उठने चाहिए। रोजाना संक्रमण की गति तेज दिखेगा,लेकिन नंबर दोगुना होने में वक्त बढेगा। कोरोना मुक्त होने वालों की संख्या भी बढ़ेगी।
इस बीच कोरोना के खिलाफ जंग में मिल रही सफलता के बीच कुछ राज्यों में मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या ने चिंता भी बढ़ा दी है। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने गंभीर स्थिति वाले राज्यों और जिलों में दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने की कमान अपने हाथ में ले ली है।
गृह मंत्रालय के अनुसार महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, हावड़ा, मेदनीपुर पूर्व, 24 परगना उत्तर, दार्जलिंग, कलिम्पोंग और जलपाईगुड़ी तथा मध्यप्रदेश के इंदौर और राजस्थान के जयपुर में स्थिति बदतर होती जा रही है।
लॉकडाउन के बावजूद इन जगहों पर हालात बिगड़ने के पीछे का एक मुख्य कारण यहां सोशल डिस्टेंसिंग और लोगों की आवाजाही रोकने के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जाना है। लॉकडाउन से संबंधित दिशा-निर्देशों के उल्लंघन की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद ही केंद्र सरकार ने छह अंतर मंत्रालयी टीम गठित इन इलाकों में भेजने का फैसला किया है।
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