Corona Update : कोरोना संकट के बीच संघ की सकारात्मक पहल,गाजियाबाद की खोड़ा कॉलोनी में भी सहायता केंद्रों का संचालन,जरूरतमंदों के बीच हो रहा है भोजन और खाद्य सामग्रियों का वितरण
देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में भी स्वयंसेवकों का उत्साह देखते ही बन रहा है। गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी में सैंकड़ों स्वंयसेवक सेवा कार्य में तन, मन और धन से जुटे हुए हैं। स्वयंसेवक न सिर्फ लोगों को बीमारी के खिलाफ जागरुक कर रहे हैं,बल्कि कोरोना प्रभावितों के बीच सेनेटाइजर, मास्क, दवाईयां, भोजन और राशन सामग्रियों का वितरण भी कर रहे हैं।
प्राणघातक कोरोना वायरस दुनियाभर के देशों में कहर बरपा रहा है। संक्रमितों और मृतकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो ही है। कोरोना के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से देश में लॉकडाउन है,जिसका पालन कर रहे लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। हजारों परिवार ऐसे हैं,जिन्हें संकट की इस घड़ी में मदद की दरकार है,उनके सामने खाने-पीने की समस्या खड़ी हो गई है। लिहाजा,कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है। लाखों स्वयंसेवक मैदान में उतर चुके हैं।
देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में भी स्वयंसेवकों का उत्साह देखते ही बन रहा है। गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी में सैंकड़ों स्वंयसेवक सेवा कार्य में तन, मन और धन से जुटे हुए हैं। स्वयंसेवक न सिर्फ लोगों को बीमारी के खिलाफ जागरुक कर रहे हैं,बल्कि कोरोना प्रभावितों के बीच सेनेटाइजर, मास्क, दवाईयां, भोजन और राशन सामग्रियों का वितरण भी कर रहे हैं।
खोड़ा कॉलोनी में स्वयंसेवक अभावग्रस्त परिवारों की सेवा का संकल्प लिए दिन रात काम कर हे हैं। लॉकडाउन के पहले दिन से ही स्वयंसेवकों ने इस क्षेत्र में अपनी प्रभावी योजना रचना प्रारंभ कर दी थी,जिसका क्रियान्वयन तब से लेकर अब तक लगातार हो रहा है। यहां गरीबों और जरुरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए सहायता केंद्र भी खोले गए हैं।
खोड़ा में स्थानीय स्वयंसेवकों ने जो दो केंद्र बनाए हैं,उनमें से एक केंद्र से सूखे राशन के पैकेट बनाकर अभावग्रस्त और जरूरतमंद परिवारों के घरों तक पहुंचाए जा रहे हैं। पैकेट में चावल, दाल, आंटा, आलू, तेल और मसाला समेत सप्ताह भर के अन्य जरूरी सामान होता है। सामग्री समाप्त होने पर दोबारा उस परिवार से स्वयंसेवक संपर्क करते हैं और जरूरत के मुताबिक उन्हें सामान उपलब्ध करवाते हैं।
संघ के दूसरे केंद्र सेवाभारती को स्वयंसेवकों ने मां अन्नपूर्णा रसोई नाम दिया है। इस केंद्र से ऐसे अभावग्रस्त और जरूरतमंद लोगों तक भोजन के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं,जो किसी कारणवश भोजन बनाने में सक्षम नहीं है। मां अन्नपूर्णा रसोई के माध्यम से प्रतिदिन 1000 से 1500 पैकेट जरूरतमंद व्यक्तियों और परिवारों तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
वास्तव में संघ का उद्देश्य लॉकडाउन की स्थिति में कमजोर,बेघरों और सड़क किनारे रह रहे लोगों को हर संभव सहयोग करना है। खोड़ा के कार्यवाह उमाशंकर शर्मा ने बताया कि इस कॉलोनी को एशिया की सबसे बड़ी कॉलोनी माना जाता है,जिसको संघ ने पांच जोन और 48 उपजोन में बांटा है। इन 48 उपजोन में संघ ने अपना एक एक प्रमुख तय किया है,जो अपने क्षेत्र के अभावग्रस्तों की सूची तैयार कर जोन के प्रमुखों के माध्यम से केंद्र तक पहुंचाता है।
उन्होंने बताया कि केंद्रों से प्रसाशनिक नियमों, लॉकडीउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए और मास्क, ग्लव्स आदि का उपयोग कर खाद्य सामग्री अभावग्रस्तों के घर तक पहुंचा दी जाती है। इस कार्य में रामदत्त दीक्षित, कृष्ण कुमार, प्रवीण, सोनू, स्यामल कर्माकर के साथ-साथ सैंकड़ों स्वयंसेवक लगे हैं।
ज्ञात हो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने पिछले दिनों ही स्वयंसेवकों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में स्थानीय प्रशासन के साथ जुटने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि स्वयंसेवक छोटी-छोटी टीमें बनाकर समाज में स्वच्छता और स्वास्थ्य जागरुकता लाने का कार्य करें। साथ ही जरुरतमंदों के बीच भोजन और खाद्य सामग्री के वितरण की व्यवस्था करने का आह्वान भी किया था।
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