पाकिस्तानी अल्पसंख्यक लड़कियों के साथ चीन में शोषण
हाल के वर्षों में चीनी युवकों के लिए पाकिस्तान एक वैवाहिक बाजार बनता गया है। ये युवक अल्पसंख्यक महिलाओं खासकर ईसाई महिलाओं और युवतियों को शादी का झांसा देकर अपने देश ले जाते हैं और उनका शोषण करके वापस पाकिस्तान भेज देते हैं या देह व्यापार के दलदल में धकेल देेते हैं।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक लड़कियों पर जुल्म होना कोई नयी बात नहीं रह गयी है। लोग इस भ्रम में थे कि चीनी नागरिक पाकिस्तान में रोजगार, व्यापार व निवेश करने के लिए आते हैं लेकिन खबरें बताती है कि कुछ चीनी युवक रोजगार व निवेश के लिए नहीं बल्कि किसी और उद्देश्य से यहां आते हैं।
गौर करें तो हाल के वर्षों में चीनी युवकों के लिए पाकिस्तान एक वैवाहिक बाजार बनता गया है। ये युवक अल्पसंख्यक महिलाओं खासकर ईसाई महिलाओं और युवतियों को शादी का झांसा देकर अपने देश ले जाते हैं और उनका शोषण करके वापस पाकिस्तान भेज देते हैं या देह व्यापार के दलदल में धकेल देेते हैं।
पीड़िताओं की मानें तो शादी के लिए चीनी लड़के गलत धर्म बताते हैं व नकली दस्तावेजों का सहारा लेते हैं। और शादी के बाद शोषण का जाल शुरू हो जाता है। पीड़िताओं ने कहा कि उनका मानसिक व शारीरिक शोषण होता है और उन्हें यौन व्यापार में धकेल दिया जाता है।
जो लड़कियां वहां से किसी तरह अपने स्वदेश को लौट पाती है। उनके कथनों से यह स्पष्ट होता है कि शादी का झांसा देकर अल्पसंख्यक युवतियों के साथ शोषण की घटनाएं आम हो गयी है। काफी दबाव के बाद अब तक केवल 8 चीनी नागरिकों पर इस मामले में केस दर्ज हो पाया है।
बता दें कि चीन-पाकिस्तान इकोनामिक कारिडोर निर्माण के तहत साल 2015 से ही चीनी नागरिक यहां आते-जाते रहते हैं। तब से लेकर अब तक बहुत से चीन के लड़कों ने पाकिस्तानी लड़कियों से शादी की और उन्हें चीन में सेक्स व्यापार में धकेल दिया। इसके अलावा कुछ को तो ‘मानव अंगों’ की तस्करी के लिए भी इस्तेमाल किया गया।
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