अमेरिका कैसे कर रहा भारतीय शेयर बाजार को तबाह, और गिरेगा या ऊपर जाएगा?
अमेरिकी उपभोक्ता कीमतों के आंकड़ों की अपेक्षा से अधिक बुरे होने के कारण गुरुवार को वॉल स्ट्रीट की हालत खराब रही। अमेरिका में महंगाई दर 40 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इसके बाद फेडरल रिजर्व के एक अधिकारी की बाद की टिप्पणियों ने आशंका बढ़ाई की अमेरिकी केंद्रीय बैंक महंगाई से लड़ने के लिए आक्रामक रूप से दरों में बढ़ोतरी करेगा।
अमेरिकी उपभोक्ता कीमतों के आंकड़ों की अपेक्षा से अधिक बुरे होने के कारण गुरुवार को वॉल स्ट्रीट की हालत खराब रही। अमेरिका में महंगाई दर 40 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इसके बाद फेडरल रिजर्व के एक अधिकारी की बाद की टिप्पणियों ने आशंका बढ़ाई की अमेरिकी केंद्रीय बैंक महंगाई से लड़ने के लिए आक्रामक रूप से दरों में बढ़ोतरी करेगा। इससे बाजार का सेंटीमेंट पूरी तरह बिगड़ गया है। अमेरिका से आई इन खबरों ने भारतीय शेयर बाजार की सेहत तेजी से खराब कर दी। पहले से उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा बाजार आज करीब 1000 अंक नीचे पहुंच गया।
अमेरिका में 40 साल के उच्च स्तर पर महंगाई
गुरुवार को आए डाटा के अनुसार, अमेरिकी मुद्रास्फीति 40 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है और यह बात आने वाले महीनों में फेड दरों में आक्रामक बढ़ोतरी के लिए मंच तैयार कर रही है। किया, वॉल स्ट्रीट से दलाल स्ट्रीट तक स्टॉक भेज दिया। जनवरी सीपीआई प्रिंट के 7.5 प्रतिशत पर पहुंचने के बाद सेंट लुइस फेड के प्रेजिडेंट जेम्स बुलार्ड मार्च में 50 आधार अंकों (बीपीएस) की बढ़ोतरी की सिफारिश की। उन्होंने जुलाई की शुरुआत में 100 बीपीएस की बढ़ोतरी के लिए भी वकालत की। इसका मतलब यह भी है मई और जून एफओएमसी बैठकों में कड़े कदम के रूप में अतिरिक्त 50 बीपीएस की बढ़ोतरी।
बाजार का इतना बुरा हाल क्यों
गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक के अर्थशास्त्री उम्मीद कर रहे हैं कि फेडरल रिजर्व इस साल सात बार ब्याज दरों में वृद्धि करेगा ताकि अमेरिकी मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी न हो। जनवरी के लिए यूएस उपभोक्ता मूल्य सूचकांक रिपोर्ट में 7.5% वार्षिक वृद्धि दिखाई देने के बाद दृश्य में तेजी से बदलाव आया है, यह 1982 के बाद सबसे तेज बढ़ोतरी है। यह बढ़ोतरी व्यापक है जो घरेलू सामान और स्वास्थ्य बीमा सहित खाद्य और ऊर्जा के अलावा कई श्रेणियों तक फैली हुई है। महंगाई में ऐसी तेजी से बाजार का हाल पास्ट हो गया और वाल स्ट्रीट में गिरावट देखने को मिली और इसका असर भारतीय बाजार पर साफ देखने को मिल रहा है।
आगे कैसा रहेगा बाजार
जान हेट्ज़ियस के नेतृत्व वाले अर्थशास्त्रियों का समूह का मानना है कि फेडरल ओपन मार्केट कमेटी की लगातार सात बैठकों में फेड को 25 आधार अंकों से बढ़ाएगी। गोल्डमैन विश्लेषकों के मुताबिक, ज्यादा मुद्रास्फीति, वेतन वृद्धि और उच्च अल्पकालिक मुद्रास्फीति की उम्मीदों के संयोजन रेट वृद्धि कि तरफ इशारा कर रहे हैं। नीति निर्माता मार्च में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर सकते हैं और आगे भी यह जारी रहेगी। फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ सेंट लुइस के प्रेजिडेंट जेम्स बुलार्ड ने कहा कि वह जुलाई की शुरुआत तक ब्याज दरों को पूरे एक प्रतिशत तक बढ़ाने का समर्थन करते हैं। ऐसे स्थिति में बाजार में और गिरावट के लिए तैयार रहिए।
रेट में इतनी तेज वृद्धि का नहीं था अनुमान
निवेशकों को रेट में बढ़ोतरी की उम्मीद थी लेकिन जुलाई तक 100 बीपीएस बढ़ोतरी का अनुमान नहीं था। आज एफपीआई पसंदीदा आईटी और वित्तीय शेयरों ने सेंसेक्स को नुकसान पहुंचाया। नई टेक्नोलॉजी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन ठीक-ठाक है। आज अभी इंफोसिस, विप्रो, टेक महिंद्रा और एचसीएल टेक सेंसेक्स के सबसे खराब चार प्रदर्शन करने वाले शेयरों में हैं, इनमें 2.5 फीसदी तक की गिरावट आई है। एचडीएफसी 1.63 फीसदी गिरकर 2,436 रुपए पर और बजाज फिनसर्व 1.55 फीसदी गिरकर 16,134 रुपए पर आ गए हैं। कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टीसीएस और अल्ट्राटेक सीमेंट में 1-1 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
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