महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणनीस ने संभाला कार्यभार,बहुमत साबित करने के लिए 30 नवंबर नहीं,7 दिसंबर तक का मिला है समय,सुप्रीम कोर्ट में मुकुल रोहतगी ने किया खुलासा
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पदभार ग्रहण कर लिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार उन्होंने इस कार्यकाल का पहला हस्ताक्षर मुख्यमंत्री राहत कोष की चेक पर किया और वह चेक मुख्यमंत्री द्वारा कुसुम वेंगुरलेकर मान की महिला को सौंप दिया गया।
महाराष्ट्र में जारी सियासी तनातनी, तमाम अटकलों और विवादों के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पदभार ग्रहण कर लिया है। मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालते ही उन्होंने एक राहत चेक पर दस्तखत किए। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार उन्होंने इस कार्यकाल का पहला हस्ताक्षर मुख्यमंत्री राहत कोष की चेक पर किया और वह चेक मुख्यमंत्री द्वारा कुसुम वेंगुरलेकर मान की महिला को सौंप दिया गया।
इससे पहले महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस को सरकार बनाने के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी की ओर से दिए गए आमंत्रण के आदेश को रद्द करने को लेकर सु्प्रीम कोर्ट मंगलवार को शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की ओर से दायर याचिका पर फैसला सुनाएगा। शोमवार को वकीलों की दलीलें सुनने के बाद तीन जजों की बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
आपको बताते चलें कि महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार के गठन पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान बहुमत परीक्षण की तारीखों को लेकर भी बड़ा खुलासा हुआ है। पहली बार यह बात भी सामने आई है कि राज्यपाल की ओर से बहुमत साबित करने के लिए 14 दिन का समय दिया गया था। इससे पहले चर्चा थी कि सरकार का बहुमत परीक्षण 30 नवंबर को होना है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि राज्यपाल की ओर से देवेंद्र फडणवीस को बहुमत साबित करने के लिए 14 दिन का समय दिया गया था। चूंकि सरकार का गठन 23 नवंबर को हुआ था इसलिए फडणवीस सरकार को 7 दिसंबर तक बहुमत साबित करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की तरफ से अदालत में कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखते हुए राज्य में जल्द से जल्द बहुमत परीक्षण की मांग की। शिवसेना की तरफ से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पूछा कि ऐसा क्या राष्ट्रीय आपातकाल था कि राष्ट्रपति शासन को सुबह 5.17 पर निरस्त करके सुबह 8 बजे शपथ दिलाई गई? राष्ट्रपति शासन को सुबह 5.17 बजे हटाया गया जिसका मतलब है कि 5.17 से पहले सब कुछ हुआ।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने किसके कहने पर राष्ट्रपति शासन हटाया? बहुमत परीक्षण से आपत्ति क्यों? कैबिनेट ने कब राष्ट्रपति शासन हटाने की मंजूरी दी? सदन में तुरंत बहुमत परीक्षण कराया जाना चाहिए। पूरी कार्रवाई शक के घेरे में है। उस आपातकाल का अदालत में खुलासा करें। प्रोटेम स्पीकर बनाकर तुरंत बहुमत परीक्षण हो।
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