जानिए, कैसे सच साबित हुई ज्योतिषाचार्य शील भूषण शर्मा की भविष्यवाणी?
श्री शील भूषण शर्मा जी ने दो अगस्त को ही जम्मू-कश्मीर की संवैधानिक स्थिति में बदलाव के संकेत दिए थे। उन्होंने बताया था कि जम्मू-कश्मीर की प्रभाव राशि तुला और नाम राशि मकर है, जबकि स्वतंत्रता दिवस की कुंडली में तुला से द्वितीय भाव में वक्री गुरु, मकर पर सूर्य, बुद्ध, शुक्र और मंगल की दृष्टि बारहवें यानी धनु में मकर राशि के साथ केतु की उपस्थिति जम्मू-कश्मीर के लिए वातावरण विक्षुब्ध करने वाला, लेकिन दुरगामी सुपरिणामों वाला दिखाइ पड़ रहा है।
भारत वर्ष में ज्योतिष का गहन महत्व है। ज्योतिष वह विज्ञान है,जिसके माध्यम से हम न सिर्फ भूत और वर्तमान को, बल्कि भविष्य को भी जानने में सफल हो सकते हैं। ज्योतिष शास्त्री कुंडली के आधार पर भविष्य की घटनाओं से हमें परिचित करवाते हैं। आप मेरी बातों से सहमत हों या असहमत, ज्योतिष पर भरोसा करें या न करें, लेकिन सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य श्री शीलभूषण शर्मा जी ने आज से तीन दिन पहले जो भविष्यवाणी की थी वह आज शत प्रतिशत सत्य साबित हुई है।
श्री शील भूषण शर्मा जी ने दो अगस्त को ही जम्मू-कश्मीर की संवैधानिक स्थिति में बदलाव के संकेत दिए थे। उन्होंने बताया था कि जम्मू-कश्मीर की प्रभाव राशि तुला और नाम राशि मकर है, जबकि स्वतंत्रता दिवस की कुंडली में तुला से द्वितीय भाव में वक्री गुरु, मकर पर सूर्य, बुद्ध, शुक्र और मंगल की दृष्टि बारहवें यानी धनु में मकर राशि के साथ केतु की उपस्थिति जम्मू-कश्मीर के लिए वातावरण विक्षुब्ध करने वाला, लेकिन दुरगामी सुपरिणामों वाला दिखाइ पड़ रहा है।
श्री शील भूषण शर्मा जी ने बताया था कि ग्रहों के परस्पर संबंधों और बलाबल के अनुसार जम्मू-कश्मीर की संवैधानिक स्थिति में बड़ा अंतर होता दिख रहा है। यह परिवर्तन नए राज्य का उदय और भारतवर्ष के नागरिकों के अधिकारों में परिवर्तन के रूप में आगामी 17 अगस्त 2019 के पहले ही देश की जनता के सामने होगा। उन्होंने बताया कि ग्रहों की स्थिति यह स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि धारा 370 और अनुच्छेद 35ए निष्प्रभावी होगा। दो प्रांत बनेंगे अथवा दोनों होंगे।
श्री शील भूषण शर्मा जी की भविष्यवाणी के अनुसार आज हुआ भी वही। जम्मू-कश्मीर को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार के गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में सरकार का संकल्प पत्र पेश किया। अमित शाह ने कहा कि कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटा दिए गए हैं। अब इसके सभी खंड लागू नहीं होंगे। शाह ने राज्यसभा में कश्मीर के पुनर्गठन का प्रस्ताव भी पेश किया है।
मोदी सरकार ने अब जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है। साथ ही लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग किया गया है। जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां विधानसभा के चुनाव होंगे। दूसरा लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश होगा और प्रदेश की कमान लेफ्टिनेंट गवर्नर के पास होगी। यानी जम्मू-कश्मीर अब दिल्ली की तरह विधानसभा वाला और लद्दाख जो है वह चंडीगढ़ की तरह विधानसभा विहीन केंद्र शासित प्रदेश होगा।
श्री शील भूषण शर्मा जी ने अपनी भविष्यवाणी में यह भी कहा था कि इससे भारत वर्ष के नागरिकों को लाभ होगा, उसके जीवन में परिवर्तन होंगे और हो भी रहा है। मसलन, मोदी सरकार के इस फैसले के बाद अब वहां भारतीय संविधान पूरी तरह से लागू होगा। इमरजेंसी लगाई जा सकती है। विधानसभा का कार्यकाल छह की जगह पांच वर्ष का होगा। भारत का कोई भी नागरिक वहां का वोटर और प्रत्याशी बन सकता है। देश का कोई भी व्यक्ति संपत्ति खरीद सकेगा। इन सबके अलावा सरकार के इस फैसले से भारत के के नागरिकों को वो तमाम अधिकार प्राप्त हो सकेंगे, जो देश के अन्य राज्यों में प्राप्त होते हैं।
Comments (0)