जानिए दिल्ली में 18 प्लस वालों का वैक्सीनेशन रोकने के पीछे डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने क्या बताई वजह
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कहा कि फाइजर और मॉडर्ना ने कोरोना वायरस के टीके सीधे दिल्ली सरकार को बेचने से मना कर दिया है और इन कंपनियों ने कहा है कि वे केवल केंद्र से बात करेंगी। सिसोदिया ने ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा कि दिल्ली में टीके खत्म होने के बाद 18 से 44 साल आयुवर्ग के लोगों के लिए सभी 400 टीकाकरण केंद्रों को बंद कर दिया गया है, वहीं 45 साल से अधिक उम्र के लोगों, स्वास्थ्य कर्मियों तथा अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले लोगों के लिए कोवैक्सिन के केंद्रों को भी टीकों की कमी के कारण बंद कर दिया गया है।
सिसोदिया ने कहा कि लोगों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए इस समय टीकाकरण बहुत जरूरी है और उन्होंने मॉडर्ना, फाइजर तथा जॉनसन एंड जॉनसन कंपनियों से टीकों के लिए बात की है। उन्होंने कहा, ''फाइजर और मॉडर्ना ने हमें सीधे टीके बेचने से इनकार कर दिया है और बताया है कि वे केंद्र से बात कर रही हैं। केंद्र ने फाइजर और मॉडर्ना को मंजूरी नहीं दी है वहीं पूरी दुनिया में इन्हें मंजूरी दी गयी है, और देशों ने इन्हें खरीदा है। सिसोदिया ने कहा कि कुछ देशों ने परीक्षण के स्तर पर ही टीकों को खरीद लिया लेकिन भारत ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।
उन्होंने कहा, हमने 2020 में स्पुतनिक को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था और पिछले महीने ही इसे स्वीकृती दी। उप मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से फाइजर और मॉडर्ना को युद्धस्तर पर मंजूरी देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ''मैं केंद्र से अनुरोध करता हूं कि इस टीकाकरण कार्यक्रम को मजाक न बनाएं। राज्यों को फाइजर और मॉडर्ना से संपर्क करने के लिए कहने के बजाए युद्धस्तर पर इन्हें मंजूरी दें। ऐसा न हो कि जब तक हम टीका लगाएं, तब तक टीका लगवा चुके लोगों के एंटीबॉडी भी समाप्त हो जाएं और उन्हें फिर टीका लगवाने की जरूरत पड़ जाए। इससे पहले, आज ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्र से अनुरोध किया कि वे फाइजर तथा मॉडर्ना के टीके खरीद कर इन्हें राज्यों में वितरित करें। रविवार को पंजाब के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि अमेरिका की टीका निर्माता मॉडर्ना ने राज्य सरकार को सीधे टीके देने से इनकार कर दिया है और कहा है कि वह केवल केंद्र सरकार से बात करेगी।
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