लालू यादव की अनुपस्थिति ने राजद का कर दिया सुपड़ा साफ
लोकसभा 2019 का चुनाव इस बार राजद के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। बिहार में जिस दल का डंका बजता था उसका पूर्ण रूप से सूपड़ा साफ हो गया है, वहीं महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) भी चित्त हो गई। एनडीए ने बेमिसाल 39 सीटों की जीत दर्ज की।
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लोकसभा 2019 का चुनाव इस बार राजद के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। बिहार में जिस दल का डंका बजता था उसका पूर्ण रूप से सूपड़ा साफ हो गया है, वहीं महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) भी चित्त हो गई। एनडीए ने बेमिसाल 39 सीटों की जीत दर्ज की। जिसमें भाजपा के सभी 17 और लोजपा के भी सभी छह प्रत्याशी जीत गए। महागठबंधन में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद की पार्टी राजद इस लोकसभा चुनाव में खाता भी नहीं खोल पाई, वहीं कांग्रेस को केवल किशनगंज सीट से ही संतोष करना पड़ा।
वैसे तो चुनावों के दौरान महागठबंधन मजबूत नजर आ रहा था। लेकिन यह मजबूती धरातल पर नहीं नजर आई और तालमेल का अभाव दिखा। सबसे ज्यादा कमी लालू प्रसाद की रही जो अभी जेल में हैं। उनका जेल में रहना राजद को सबसे ज्यादा नुकसान कर गया। जाति के आधार पर वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश नाकाम रही। विपक्षी दल राष्ट्रवाद के मुद्दे की आलोचना करते रह गए। लेकिन एनडीए के प्रत्याशियों को जीतने से नहीं रोक पाये।
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