मनोहर लाल खट्टर सरकार के पक्ष में वोट करने वाले विधायकों के बायकॉट का ऐलान, प्रदर्शन
लेकिन उन्होंने पूंजीवाद के समर्थन में वोट किया है। अब भविष्य में वे जब हमारे गांव आएंगे तो हम उनका सोशल बायकॉट करेंगे। इन लोगों को किसी आयोजन में नहीं आमंत्रित करेंगे। यदि वे आने की कोशिश करेंगे तो उन्हें एंट्री नहीं दी जाएगी।'
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार भले ही कांग्रेस की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में बड़े अंतर से जीतने में सफल रही है। लेकिन किसान संगठनों का गुस्सा अब भी बरकरार है। अब किसान संगठनों ने बीजेपी-जेजेपी की गठबंधन सरकार को समर्थन देने वाले विधायकों के बायकॉट की अपील की है। यही नहीं इन विधायकों के खिलाफ प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं। आंदोलनरत तमाम किसान संगठनों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा ने विधायकों के बायकॉट की अपील की है। यही नहीं शुक्रवार को अंबाला में स्थानीय विधायक असीम गोयल के घर के बाहर भी किसान संगठनों से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन किया। दरअसल विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस के दौरान असीम गोयल ने अपने भाषण में 26 जनवरी को हिंसा करने वाले लोगों को एंटी-नेशनल बताया था।
इसके बाद विधायक ने सफाई देते हुए कहा था कि वह जेएनयू के कुछ छात्रों की ओर से की गई विवादित नारेबाजी के बारे में कह रहे थे और उन्होंने किसानों को टारगेट नहीं किया था। असीम गोयल के अलावा निर्दलीय विधायक गोपाल गोयल कांडा के घर के बाहर भी प्रदर्शन की बात सामने आई है। गोपाल कांडा सिरसा सीट से निर्दलीय विधायक हैं। उन्होंने भी बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के पक्ष में वोटिंग की है। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के निशाने पर अब बीजेपी के साथ ही उसकी सहयोगी पार्टी जेजेपी भी आ गई है। किसान नेताओं ने उसकी ओर से बीजेपी के साथ सरकार में बने रहने को किसानों के साथ विश्वासघात करार दिया है।
संयुक्त किसान मोर्च की ओर से बोलते हुए डॉ. दर्शन पाल ने गुरुवार को कहा, 'कल विधानसभा में पारित हुए विश्वास प्रस्ताव ने जननायक जनता पार्टी और उसके विधायकों को एक्सपोज कर दिया है। खासतौर पर जेजेपी के नेता जो किसान परिवारों से आते हैं, उन्होंने यह काम किया है। चौधरी देवीलाल किसान समर्थक नेता थे और उनका परिवार भी हमेशा किसान समर्थक रहा है।' जेजेपी का हरियाणा के किसानों के बीच अच्छा समर्थन माना जाता है। 10 विधायकों के साथ जेजेपी ने बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार में जाने का फैसला लिया था। यही नहीं पार्टी नेता दुष्यंत चौटाला खट्टर सरकार में डिप्टी सीएम भी हैं। वह पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के पड़पोते हैं और सूबे के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के पोते हैं।
अब किसान संगठनों ने सरकार का समर्थन करने वाले विधायकों का बायकॉट करने, काले झंडे दिखाने और मीटिंग्स न करने देने की बात कही है। संयुक्त किसान मोर्चा के एक अन्य नेता गुरनाम सिंह चंदूनी ने कहा, 'हमने कल सभी विधायकों से अपील की थी कि हमने हमेशा आप लोगों के लिए वोट किया है। इस बार आप हमारे लिए मतदान करें। लेकिन उन्होंने पूंजीवाद के समर्थन में वोट किया है। अब भविष्य में वे जब हमारे गांव आएंगे तो हम उनका सोशल बायकॉट करेंगे। इन लोगों को किसी आयोजन में नहीं आमंत्रित करेंगे। यदि वे आने की कोशिश करेंगे तो उन्हें एंट्री नहीं दी जाएगी।'
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