राजद्रोह में फंसे शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई, मदद को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
शिकायतकर्ता ने कहा कि इन लोगों ने जानबूझकर गुमराह करने और उकसाने वाली खबरें प्रकाशित कीं। इन लोगों ने दिल्ली में ट्रैक्टर पलटने की घटना में प्रदर्शनकारी की मौत की खबर को गलत तरीके से प्रसारित किया। इस खबर को इन्होंने अपने ट्विटर से साझा किया कि पुलिस द्वारा आंदोलनकारी एक ट्रैक्टर चालक की हत्या कर दी गई। यह जानबूझकर इस उद्देश्य से कहा गया कि बड़े पैमाने पर दंगे हों और विभिन्न समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न हो।
कांग्रेस नेता डॉ. शशि थरूर और पत्रकार राजदीप सरदेसाई पर दिल्ली हिंसा में एक प्रदर्शनकारी की मौत और हिंसा भड़काने को लेकर कई राज्यों में मामले में दर्ज किए गए हैं। इन मामलों के खिलाफ शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
गणतंत्र दिवस पर किसान ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद कांग्रेसी सांसद शशि थरूर और पत्रकार राजदीप सरदेसाई समेत कई लोगों पर हिंसा भड़काने के आरोप में कई राज्यों में मामले दर्ज किए गए हैं। इन्हीं मामलों को लेकर दोनों ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। कांग्रेसी नेता शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई के अलावा वरिष्ठ पत्रकार मृणाल पांडे, जफर आगा, परेशनाथ, अनन्तनाथ ने भी अपने खिलाफ दर्ज मामलों को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
अभिजीत मिश्रा नाम के एक शख्स की शिकायत पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने नोएडा के सेक्टर 20 थाने में शशि थरूर समेत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एफआईआर में कहा गया कि इन नामजद लोगों ने 26 जनवरी को गलत पोस्ट किए गए और दंगा भड़काने की साजिश की गई। पुलिस को दी शिकायत में मिश्रा ने कहा कि वह परिवार के साथ सेक्टर 74 सुपरटेक केपटाउन में रहते हैं। उनका आरोप है कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के पीछे कांग्रेस सांसद शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, पत्रकार मृणाल पांडेय, पत्रकार जफर आगा, परेशनाथ, अनन्तनाथ, विनोद के जोश और एक अज्ञात हैं।
शिकायतकर्ता ने कहा कि 26 जनवरी, 2021 को जानबूझकर कराए गए गए दंगों से अत्यंद दुखी हूं। एक षडयंत्र के तहत सुनियोजित दंगा कराने और लोक सेवकों की हत्या करने के उद्देश्य से इन लोगों ने राजधानी में हिंसा और दंगे कराए।
शिकायतकर्ता ने कहा कि इन लोगों ने जानबूझकर गुमराह करने और उकसाने वाली खबरें प्रकाशित कीं। इन लोगों ने दिल्ली में ट्रैक्टर पलटने की घटना में प्रदर्शनकारी की मौत की खबर को गलत तरीके से प्रसारित किया। इस खबर को इन्होंने अपने ट्विटर से साझा किया कि पुलिस द्वारा आंदोलनकारी एक ट्रैक्टर चालक की हत्या कर दी गई। यह जानबूझकर इस उद्देश्य से कहा गया कि बड़े पैमाने पर दंगे हों और विभिन्न समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न हो।
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