कोरोना वायरस से बचाव की कड़ी शर्तों के साथ 1 जुलाई से शुरू होगी पवित्र चार धाम की यात्रा, सिर्फ उत्तराखंड वासी ही हो सकेंगे शामिल, श्रद्धालुओं को रखना होगा सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल
विश्वप्रसिद्ध और पावन चार धाम की यात्रा आगामी 1 जुलाई से राज्य स्तर पर शुरू होगी। इसके लिए उत्तराखंड प्रशासन की ओर से गाइडलाइंस जारी कर दी गई हैं। गाइडलाइंस के मुताबिक कंटेनमेंट जोन और बफर जोन में रहने वाले व्यक्ति चार धाम यात्रा में शामिल नहीं हो सकेंगे। यात्रा शुरू करने से पहले देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण जरूरी होगा। इसमें श्रद्धालुओं को अपनी पूरी जानकारी देनी होगी। सभी शर्तों के संबंध में सेल्फ डिक्लेरेशन करना होगा, फिर यात्रा के लिए ई पास जारी होगा। हर धाम में केवल एक ही रात्रि ठहरने की इजाजत होगी।
विश्वप्रसिद्ध और पावन चार धाम की यात्रा आगामी 1 जुलाई से राज्य स्तर पर शुरू होगी। इसके लिए उत्तराखंड प्रशासन की ओर से गाइडलाइंस जारी कर दी गई हैं। गाइडलाइंस के मुताबिक कंटेनमेंट जोन और बफर जोन में रहने वाले व्यक्ति चार धाम यात्रा में शामिल नहीं हो सकेंगे।
यात्रा शुरू करने से पहले देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण जरूरी होगा। इसमें श्रद्धालुओं को अपनी पूरी जानकारी देनी होगी। सभी शर्तों के संबंध में सेल्फ डिक्लेरेशन करना होगा, फिर यात्रा के लिए ई पास जारी होगा। हर धाम में केवल एक ही रात्रि ठहरने की इजाजत होगी।
किसी आपदा की स्तिथि में स्थानीय प्रशासन की अनुमति लेनी होगी। कोविड-19 के लक्षण वाले व्यक्ति यात्रा नहीं कर सकेंगे। 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और एक से अधिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानी वालों को यात्रा नहीं करने के निर्देश हैं।
चार धाम यात्रा में हैंड सैनिटाइजर, मास्क और सोशल डिस्टेंस का पालन अनिवार्य होगा। कोई भी श्रद्धालु धाम में मंदिर के गर्भगृह, सभा मंडप के अग्रभाग में नहीं जा सकेंगे। मंदिर में प्रवेश से पहले हाथ पैर धोना जरूरी होगा, परिसर के बाहर से लाए किसी प्रसाद चढ़ावे को मंदिर परिसर में लाना वर्जित रहेगा, देवमूर्ति को स्पर्श करना वर्जित रहेगा।
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