बजट- 2019 में मध्यमवर्ग को क्या मिला ?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बजट पेश करते हुए कृषि से लेकर शिक्षा और आटोमोबाइल से लेकर एविएशन तक कई अहम ऐलान किए। लेकिन उन्होंने एक तरफ जहां अमीरों को झटका दिया, तो वहीं मध्यम वर्ग के लोगों के लिए बड़ा ऐलान किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बजट पेश करते हुए कृषि से लेकर शिक्षा और आटोमोबाइल से लेकर एविएशन तक कई अहम ऐलान किए। लेकिन उन्होंने एक तरफ जहां अमीरों को झटका दिया, तो वहीं मध्यम वर्ग के लोगों के लिए बड़ा ऐलान किया है।
मध्यम वर्ग के लिए बड़ा ऐलान
नरेंद्र मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग के लिए बड़ा ऐलान किया है। 45 लाख तक के होम लोन पर 1.50 लाख का अतिरिक्त ब्याज कर मुक्त, 3.50 लाख तक ब्याज पर टैक्स नहीं। पहले छूट की सीमा 2 लाख रुपए थी। यह छूट 31 मार्च 2020 तक खरीदे जाने वाले घर के लिए है। इसके अलावा 2.5 लाख रुपये तक का इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर भी छूट दी जाएगी। इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के लिए अगर कर्ज लिया गया है, तो उसका ब्याज चुकाने पर आयकर में 1.5 लाख रुपए की अतिरिक्त छूट मिलेगी। जो स्टार्टअप टैक्स डिक्लेरेशन फाइल करेंगे, उनके द्वारा जुटाए गए फंड के मामले में आयकर किसी तरह की जांच नहीं करेगा।
इनकम टैक्स देने वालों के लिए बड़ा ऐलान
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। अब आधार कार्ड से भी लोग अपना इनकम टैक्स भर पाएंगे। यानी अब पैन कार्ड होना जरूरी नहीं है। पैन और आधार कार्ड से काम हो जाएगा।
ज्यादा पैसे की निकासी पर देना होगा टैक्स
अगर कोई भी व्यक्ति बैंक से एक साल में एक करोड़ से अधिक की राशि निकालता है तो उसपर 2% का TDS लगाया जाएगा। यानी सालाना 1 करोड़ रुपये से अधिक निकालने पर 2 लाख रुपये टैक्स में ही कट जाएंगे।
ज्यादा कमाई पर ज्यादा टैक्स
नरेंद्र मोदी सरकार ने ज्यादा कमाई करने वालों को झटका दिया है। 2 करोड़ से 5 करोड़ रुपए की सालाना आय वालों के लिए सरचार्ज बढ़ाकर 3% और 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की सालाना आय वालों के लिए सरचार्ज बढ़ाकर 7% किया जाएगा।
कंपनियों के लिए बड़ा ऐलान
सालाना 250 करोड़ रुपए के टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स अभी 25% है। अब 400 करोड़ रुपए के टर्नओवर वाली कंपनियां भी 25% कॉर्पोरेट टैक्स के दायरे में आ जाएंगी। यानी 99.3% कंपनियां 25% कॉर्पोरेट टैक्स के दायरे में होंगी। सिर्फ 0.7% कंपनियां इस स्लैब से बाहर होंगी।
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