क्यों और कैसे सर्व फलदायी है ये शनि जयंती ?
मानव जीवन में शनि जयंती का गहन महत्व है। शनि भक्तों के लिए शनि जयंती विशेष फलदायी है। इस दिन श्री शनिदेव की कृपा भक्तों पर बरसती है। जिन जातकों की जन्मकुंडली में शनि की साढ़ेसाती और ढैया का असर होता है, उनके लिए यह महत्वपूर्ण अवसर है
देश भर में आज शनि जयंती मनाई जा रही है। आज ही के दिन भगवान सूर्य तथा माता क्षाया के पुत्र श्री शनिदेव का जन्म हुआ था। भगवान शिव के अनन्य शिष्य तथा श्री हरि विष्णु के परम भक्त श्री शनिदेव की जयंती प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस बार शनि जयंती पर विशेष संयोग बन रहा है, जो कि पूरे 149 सालों बाद बन रहा है। जानकारों के अनुसार इस बार शनि जयंती लोगों के लिए विश्ष फलदायी है। ऐसा 149 सालों बाद हुआ है, जब शनि जयंती के साथ सोमवती अमावस्या और सर्वार्थसिद्ध योग बन रहा है। यह योग उन राशियों के लिए अत्यंत शुभ फलदायी है, जनके कुंडली में ढैय्या और साढ़ेसाती चल रही है।
कैसे मिलेगी साढ़ेसाती और ढ़ैया से मुक्ति?
मानव जीवन में शनि जयंती का गहन महत्व है। शनि भक्तों के लिए शनि जयंती विशेष फलदायी है। इस दिन श्री शनिदेव की कृपा भक्तों पर बरसती है। जिन जातकों की जन्मकुंडली में शनि की साढ़ेसाती और ढैया का असर होता है, उनके लिए यह महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि शनि जयंती पर श्री शनिदेव की पूजा-अर्चना करने से शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। शनि जयंती पर श्री शनिदेव को प्रसन्न करके व्यक्ति श्री शनिदेव के कोप से अपना बचाव कर सकता है। अनुष्ठान, आरती, हवन एवं यज्ञ में भाग लेने तथा तेलाभिषेक करने से श्री शनिदेव प्रसन्न होकर मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। अतः शनि जयंती का लाभ सभी जातको को उठाना चाहिए, चाहे वह शनि के प्रभाव में हो या ना हो, क्योंकि सभी राशि के जातकों को अपने जीवन काल में तीन बार साढ़ेसाती के प्रभाव में आना ही होता है।
कैसे प्रसन्न होंगे श्री शनिदेव?
शनि जयंती कष्टनिवारणी, कल्याणकारी, मंगलकारी एवं सर्व-सिद्धिप्रद है। शनि जयंती को पूजा-पाठ एवं दान-पुण्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन श्री शनिदेव की साधना करने से समस्त कष्टों-क्लेशों के शमन होता है। शनि जयंती के दिन प्रात:काल पीपल के पेड़ अथवा शनिदेव की प्रतिमा पर काला तिल युक्त जल अर्पित कर श्री शनिदेव से प्रार्थना करनी चाहिए। शनि मंत्रों का उच्चारण, श्री शनि चालीसा का पाठ तथा श्री शनिदेव की संपूर्ण विधि-विधान के साथ आरती भी करें। इस पावन पर्व पर श्री शनिदेव को प्रसन्न करने हेतु आप तेलाभिषेक कर सकते हैं। दर्शन, पूजन और तेलाभिषेक कर श्री शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं
शनि जयंती पर क्या करें दान?
वेदों, पुराणों और शास्त्रों में भी कहा गया है कि शनि जयंती के दिन किया गया दान जातक के लिए अत्यंत फलदायी होता है। इसीलिए शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती पर काली वस्तुओं का दान करना चाहिए। श्री शनिदेव से शुभ फल प्राप्त करने के लिए गाय का दान करना चाहिए। काली गाय दान करने की क्षमता नहीं है तो काली गाय के निमित चारा दान करें अथवा किसी गौशाला में जाकर काली गाय के लिए महीने या सालभर के चारे के निमित्त धन भी दिया जा सकता है। इसी प्रकार से कोई भी काला वस्त्र, काली उड़द की दाल, काले तिल, सरसों का तेल या अनाज का दान भी किया जा सकता है। सरसों का तेल और तेल से बने पकवानों का भी दान दिया जा सकता है। लोहे के बर्तन में चावल भरकर दान करें। ध्यान रखें कि किसी जरुरतमंद व्यक्ति को ही दान दें।
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