बीजेपी ने राहुल गांधी पर क्यों लगाया 'सत्याग्रह 'नहीं 'मिथ्याग्रह' करने का आरोप ?
भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी पर सत्याग्रह के जगह मिथ्याग्रह और भ्रम की राजनीति करने का आज आरोप लगाया। बीजेपी प्रवक्ता संबित प्रात्रा ने कहा कि राजघाट पर अहिंसा के लिए अनशन के नाम पर किए जा रहे उपवास का पर्दाफाश हो गया है। भारत में सत्याग्रह की परंपरा रही है। लेकिन राहुल गांधी मिथ्याग्रह कर रहे हैं।
राहुल गांधी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते। लिहाजा, देश में सांप्रदायिक सौहार्द और दलितों के खिलाफ अत्याचार के मुद्दे पर कांग्रेस ने बुधवार को देशव्यापी अनशन किया। देशभर के जिला मुख्यालयों में कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एक दिन का अनशन किया। कांग्रेस का यह अनशन दलितों पर अत्याचार के खिलाफ और देश में साम्प्रदायिक सौहार्द्र को बढ़ाने और बनाए रखने के लिए किया गया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राजघाट स्थित गांधी समाधि के सामने सुबह से ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं का आना शुरु हो गया। बड़ी संख्या में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता यहां आए और अनशन पर बैठे।
पार्टी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों को अनशन का था निर्देश
कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत की ओर से पार्टी के सभी प्रदेश अध्यक्षों, महासचिवों और विधायक दल के नेताओं के भेजे गए दिशा निर्देश में यह कहा गया था कि सांप्रदायिक सौहार्द्र को बचाने और बढ़ाने के लिए सभी राज्यों और जिलों में पार्टी मुख्यालयों पर उपवास रखा जाए। दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई गड़बड़ियों और हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी केंद्र और राज्य की सरकारों ने हिंसा रोकने और दलितों के हक के संरक्षण के लिए कुछ नहीं किया। राज्यों में प्रदेश मुख्यालय और जिलों में अनशन किए जा रहे हैं। हालांकि बीजेपी ने कांग्रेस के इस देशव्यापी अनशन पर सवाल खड़े किए हैं।
बीजेपी ने राहुल गांधी पर 'मिथ्याग्रह' का लगाया आरोप
भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर सत्याग्रह के जगह मिथ्याग्रह और भ्रम की राजनीति करने का आज आरोप लगाया। बीजेपी प्रवक्ता संबित प्रात्रा ने कहा कि राजघाट पर अहिंसा के लिए अनशन के नाम पर किए जा रहे उपवास का पर्दाफाश हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत में सत्याग्रह की परंपरा रही है। लेकिन राहुल गांधी मिथ्याग्रह कर रहे हैं और भ्रम की राजनीति फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि अहिंसा के नाम पर उपवास के ढोंग में कांग्रेस खुद अपने जाल में फंस गई है। राजघाट पर बापू की समाधि पर सिख दंगों के आरोपी जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार के आने पर जिस प्रकार का माहौल बना और जिस प्रकार से उन्हें राजघाट से जाना पड़ा, उससे कांग्रेस नेताओं की हिंसा की असली सोच उजागर हो गयी जिसने 1984 में हज़ारों निर्दोष सिखों को मौत के घाट उतार दिया था।
यह उपवास के नाम पर उपहास था-संबित पात्रा
कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए संबित पात्रा ने कहा कि यह उपवास के नाम पर उपहास था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दंगा मास्टर कहा जाता रहा है क्योंकि उसने 1984 में तीन हजार सिखों को मौत के घाट उतारने का काम किया। इसी प्रकार से दलितों के नाम पर घड़यिाली आंसू बहाने वाले कांग्रेस अध्यक्ष बताएं कि हरियाणा में कांग्रेस के शासन में मिर्चपुर, गोहाना और झज्जर की घटनाओं के लिए उन्होंने क्या कभी एक वक्त का खाना छोड़ा था। उस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सचिव को फोन पर हिंसा फैलाने का निर्देश देते हुए पकड़ा गया था। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या राहुल गांधी को नहीं पता है कि 1984 में उनके पिता ने कहा था कि जब एक बड़ा वृक्ष गिरता है तो धरती हिलती है। उस पेड़ पर घोंसला बना कर रहने वाले लोगों ने उनके पिता के इशारे पर हिंसा की थी।
बीजेपी डॉ. अंबेडकर की विचारधारा पर चलती है-संबित पात्रा
संबित पात्रा ने कहा कि गांधी के परिवार के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को तिल-तिल कर मारने का प्रयास किया। कांग्रेस ने ही उन्हें 1989 तक भारत रत्न नहीं मिलने दिया। उन्होंने नेहरू मंत्रिमंडल से डॉक्टर अंबेडकर के छह पृष्ठ वाले त्यागपत्र के अंश को पढ़कर सुनाया और आरोप लगाया कि पंडित नेहरू के जमाने से तुष्टीकरण की राजनीति होती रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ऐसी पार्टी है जो डॉक्टर अंबेडकर की विचारधारा पर चलती है और उनकी किताबों का अनुसरण करती है।
राहुल गांधी में गुण होंगे तो जनता खुद ही उन्हें चुन लेगी-संबित पात्रा
संबितपात्रा ने यह भी कहा कि कनार्टक में पांच साल से कांग्रेस की सरकार है और इस दौरान 9080 दलितों पर अत्याचार किया गया और 358 दलितों की हत्या हुई। 809 दलित महिलाओं का उत्पीड़न किया गया। क्या राहुल गांधी कर्नाटक के दलितों के लिए उपवास करेंगे। उन्होंने कहा कि यह राहुल गांधी का 'फास्ट' नहीं है बल्कि 'फास्ट ट्रैक' राजनीति है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी खुद को 'रिलाँच' करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी में गुण होंगे तो जनता खुद ही उन्हें चुन लेगी। लेकिन रिलाँचिंग के लिए देश को तोड़ने की राजनीति उचित नहीं है। बीजेपी इसके विरुद्ध आवाज़ उठाएगी और विरोध करेगी।
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