ममता बनर्जी बोलीं- यह किसान, जनता और देश विरोधी बजट, सबकुछ बेच दिया
तृणमूल कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि बजट में आम आदमी और किसानों की अनदेखी की गई है और यह अमीरों को और धनवान और निर्धन को और गरीब बनाएगा, वहीं मध्यम वर्ग को इसमें कुछ भी नहीं मिला है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में ग्रामीण सड़कों के निर्माण के आंकड़े देते हुए कहा, ''ग्रामीण सड़कें: 2011 तक 39,705 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें थीं, 2011-20 के बीच 88,841 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण हुआ। डेरेक ओब्रायन ने कहा कि ग्रामीण सड़कों के मामले में पश्चिम बंगाल पहले स्थान पर है। उन्होंने कहा, ''पश्चिम बंगाल ने कल ही कर दिया, केंद्र सरकार आज केवल बातें कर रही है।''
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मोदी सरकार का नया बजट रास नहीं आया। उन्होंने इसे जनविरोधी से लेकर देश विरोधी तक बताया और कहा कि देश के पहले पेपरलेस बजट ने लगभग सभी सेक्टर को बेच दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया है, जिसमें पश्चिम बंगाल में हाईवे निर्माण को लेकर अहम ऐलान किया गया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, ''यह एक जनविरोधी बजट है। वे हमेशा झूठ बोलते हैं। भारत के पहले पेपरलेस बजट ने लगभग सभी सेक्टर्स को बेच दिया। असंगठित क्षेत्र के लिए इसमें कुछ भी नहीं है।'' ममता बनर्जी ने कहा कि यह किसान विरोधी, जनता विरोधी और देश विरोधी बजट है। वे सरकारी कंपनियों से लेकर बीमा कंपनियों तक सब बेच रहे हैं, यह लोगों को धोखा देने वाला बजट है।
उधर, ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने आम बजट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह शत-प्रतिशत दूरदर्शिता रहित बजट है जिसकी थीम 'सेल इंडिया (भारत को बेचना) है। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओब्रायन ने कहा, ''भारत का पहला कागज रहित बजट शत-प्रतिशत दूरदर्शिता रहित बजट भी है। इस फर्जी बजट की थीम भारत को बेचना है। उन्होंने कहा, ''रेलवे: बिक गया, हवाईअड्डे: बिक गए, बंदरगाह: बिक गए, बीमा कंपनियां: बिक गईं, पीएसयू: 23 बिक गए।''
तृणमूल कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि बजट में आम आदमी और किसानों की अनदेखी की गई है और यह अमीरों को और धनवान और निर्धन को और गरीब बनाएगा, वहीं मध्यम वर्ग को इसमें कुछ भी नहीं मिला है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में ग्रामीण सड़कों के निर्माण के आंकड़े देते हुए कहा, ''ग्रामीण सड़कें: 2011 तक 39,705 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें थीं, 2011-20 के बीच 88,841 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण हुआ। डेरेक ओब्रायन ने कहा कि ग्रामीण सड़कों के मामले में पश्चिम बंगाल पहले स्थान पर है। उन्होंने कहा, ''पश्चिम बंगाल ने कल ही कर दिया, केंद्र सरकार आज केवल बातें कर रही है।''
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