महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच जारी है कुर्सी की जंग, बीजेपी को मंजूर नहीं 50-50 फार्मूला
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के हवाले से पार्टी नेता संजय राउत ने कहा कि हमारे पास अन्य विकल्प भी हैं,लेकिन हम उस विकल्प को स्वीकार करने का पाप नहीं करना चाहते हैं। शिवसेना ने हमेशा सच्चाई की राजनीति की है, हम सत्ता के भूखे नहीं हैं।
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही है। मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर दोनों दलों के बीच जंग तेज हो गई है। बीजेपी और शिवसेना के बीच मंगलवार को बयानबाजी और तेज हो गई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 5 साल तक मैं ही मुख्यमंत्री रहूंगा। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि शिवसेना के साथ मुख्यमंत्री पद को लेकर 50:50 फॉर्मूला जैसा कोई समझौता नहीं हुआ था।
देवेंद्र फडणवीस का यह बयान शिवसेना नेता संजय राउत के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उद्धव ठाकरे के पास भी सरकार बनाने के विकल्प हैं, लेकिन वे इसे स्वीकार करने का पाप नहीं करना चाहते।शिवसेना नेता संजय राउत ने यह संकेत दिया है कि उनकी पार्टी किसी अन्य पार्टी से तालमेल कर सरकार बना सकती है।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के हवाले से संजय राउत ने कहा कि हमारे पास अन्य विकल्प भी हैं,लेकिन हम उस विकल्प को स्वीकार करने का पाप नहीं करना चाहते हैं। शिवसेना ने हमेशा सच्चाई की राजनीति की है, हम सत्ता के भूखे नहीं हैं। संजय राउत ने बेजेपी से कहा कि वह उनकी पार्टी को महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन के लिए विकल्प ढूंढ़ने पर विवश न करे। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में कोई ''संत नहीं होता है।
एक सवाल के जवाब में संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत नहीं है, जिसके पिता जेल में हैं। यहां हम हैं जो 'धर्म और सत्या' की राजनीति करते हैं, शरद जी जिन्होंने बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाया है, जो कभी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे।
इस बीच, बीजेपी के राज्यसभा सांसद संजय काकड़े ने कहा कि शिवसेना के 45 नवनिर्वाचित विधायक मुख्यमंत्री फडणवीस के संपर्क में हैं। काकड़े ने कहा कि यह विधायक भाजपा के साथ गठबंधन चाहते हैं, इसलिए वे उद्धव को फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए मना लेंगे। इसके अलावा शिवसेना के पास कोई चारा नहीं है।
गौरतलब है कि हरियाणा में सरकार बनाने के लिए बीजेपी ने जननायक जनता पार्टी से समर्थन लिया है। बीजेपी को हरियाणा में 40 सीटों पर जीत हासिल हुई है और उसे सरकार बनाने के लिए 6 और विधायकों की जरूरत थी। यहां दुष्यंत चौटाला की जेजेपी के 10 विधायकों ने बीजेपी को समर्थन दिया है।
आपको बताते चलें कि महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए गत हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी या गठबंधन को बहुमत नहीं मिला है। एनडीए के घटक दलों में से बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और शिवसेना को 56 सीट मिली हैं। इन दोनों दलों के बीच सत्ता में साझेदारी को लेकर तकरार बढ़ती जा रही है। शिवसेना चाहती है कि दोनों ही दलों को बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिले।
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