प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक के दौरान 13 दलों ने सरकार का किया समर्थन, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खड़े किए सवाल, जानिए, अन्य दलों के नेताओं ने क्या रखी राय?
गलवान में भारतीय सैनिकों की शहादत और चीनी सैनिकों के हमले पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सरकार को ज्यादातर दलों का साथ मिला। इस बैठक में में 20 दलों को बुलाया गया। इनमें से 13 दलों ने खुलकर सरकार का साथ दिया और कहा कि इस वक्त में हम सभी एक हैं। इनमें तृणमूल, जेडीयू, बीजेडी, जैसे दल शामिल है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार से कई सवाल जरूर पूछे।
गलवान में भारतीय सैनिकों की शहादत और चीनी सैनिकों के हमले पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सरकार को ज्यादातर दलों का साथ मिला। इस बैठक में में 20 दलों को बुलाया गया। इनमें से 13 दलों ने खुलकर सरकार का साथ दिया और कहा कि इस वक्त में हम सभी एक हैं। इनमें तृणमूल, जेडीयू, बीजेडी, जैसे दल शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने अपनी सेनाओं को कदम उठाने की पूरी छूट दे रखी है। हमारी एक इंच जमीन पर भी कोई नजर नहीं डाल सकता है। शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारी सरकार में ताकत है कि वह आंखें निकालकर हाथ में दे दे। केवल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार से सवाल किए।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया के तीन सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि इस बैठक को काफी पहले होना चाहिए था। इस मंच पर भी काफी कुछ अंधेरे में ही है। मोदी सरकार बताए कि चीन के सैनिकों ने घुसपैठ कब की? सरकार को इस बारे में कब पता चला? क्या सरकार के पास सैटेलाइट इमेज नहीं थी? इन असामान्य गतिविधियों के बारे में कोई इंटेलीजेंस रिपोर्ट नहीं मिली थी? सोनिया गांधी ने पूछा कि माउंटेन स्ट्राइक कोर की मौजूदा स्थिति क्या है? देश यह भरोसा चाहता है कि सीमा पर पहले जैसे हालात स्थापित हो जाएंगे। विपक्षी पार्टियों को इस बारे में लगातार जानकारी दी जाए।
देश में चीन के खिलाफ गुस्सा है-नीतीश कुमार
जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पूरे देश में चीन के खिलाफ गुस्सा है। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं होना चाहिए। हम साथ हैं। राजनीतिक दलों को कोई मतभेद नहीं दिखाना चाहिए, जिसका दूसरे देश फायदा उठा सकें। भारत के प्रति चीन का नजरिया जाहिर है। भारत चीन को सम्मान देना चाहता है, लेकिन उसने 1962 में क्या किया। नीतीश ने कहा कि भारतीय बाजार में चीनी सामान की बाढ़ बहुत बड़ी समस्या है। हमें एक साथ रहना है और केंद्र को सपोर्ट करना है।
सर्वदलीय बैठक देश के लिए अच्छा संदेश- ममता बनर्जी
तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक देश के लिए अच्छा संदेश है। इससे यह जाहिर होता है कि हम अपने जवानों के साथ हैं और एक हैं। तृणमूल मजबूती से सरकार के साथ खड़ी है। टेलीकॉम, रेलवे और एविएशन में चीन को दखल नहीं देने देंगे। हमें कुछ समस्याएं आएंगी, पर हम चीनियों को नहीं घुसने देंगे। ममता बनर्जी ने कहा कि चीन में कोई लोकतंत्र नहीं है। वे वह कर सकते हैं, जैसा महसूस करते हैं। दूसरी तरफ हम सबको साथ मिलकर काम करना है। भारत जीतेगा, चीन हारेगा। एकता से बात करें, एकता की बात करें, एकता से ही काम करें।
भारत शांति चाहता है, पर हम कमजोर नहीं
शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चीनी सैनिकों के हमले पर तल्ख बयान दिया। ऑल पार्टी मीटिंग में उन्होंने कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं। चीन का चरित्र ही धोखा देना रहा है। भारत मजबूत है, मजबूर नहीं। हमारी सरकार के पास ताकत है कि वह आंखें निकाल कर हाथ में दे देगी।
समाजवादी पार्टी का भी मिला साथ
समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि पाकिस्तान और चीन की नीयत सही नहीं है। भारत चीन का डंपिंग ग्राउंड नहीं है। चीन के सामानों पर भारत को 300 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगा देनी चाहिए। सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के अध्यक्ष और सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री में पूरा भरोसा है। इससे पहले भी जब राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले उठे तो प्रधानमंत्री ने ऐतिहासिक फैसले लिए हैं।
टीआरएस और डीअमके ने कही ये बात
टीआरएस चीफ और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा कि कश्मीर में विकास के प्रधानमंत्री के एजेंडे से चीन भी खफा है। आत्मनिर्भर भारत का नारा भी चीन को परेशान कर रहा है। डीएमके नेता एमके स्टालिन ने कहा कि जब भी देशभक्ति की बात आती है तो हम सभी एक हैं। प्रधानमंत्री ने चीन के मुद्दे पर हाल में जो बयान दिया है, हम उसका स्वागत करते हैं।
एनपीपी और बीजेडी भी सरकार के साथ
एनपीपी के कोनराड संगमा ने कहा कि सीमा पर इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने का काम नहीं रुकना चाहिए। म्यांमार और बांग्लादेश में चीन की गतिविधियां परेशान करने वाली हैं। उत्तर-पूर्व के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने का जो काम प्रधानमंत्री कर रहे हैं, वो रुकना नहीं चाहिए। बीजद के नेता पिनाकी मिश्रा ने कहा- चीन ने इतिहास को दोहराया है। एक बार फिर उसने अंधेरे में कायरतापूर्वक हमारे सैनिकों पर हमला किया है। उन सैनिकों पर हमला किया, जो शांति का संदेश लेकर गए थे।
YSR और AIADMK ने की प्रधानमंत्री की तारीफ
वाईएसआर कांग्रेस के मुखिया और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत का कदम पूरी दुनिया में बढ़ाया है। उन्होंने पूरी दुनिया में अहम कूटनीतिक संधियां की हैं। प्रधानमंत्रीजी आप हमारी ताकत हैं। भारत से कई लोग जल भी रहे हैं। चीन भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। अन्नाद्रमुक के संयोजक और उपमुख्यमंत्री ओ.पनीरसेल्वम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस मामले में जो भी कदम उठाए हैं। हमारा उनको पूरा समर्थन है। हम पूरी तरह से देश की सेना के साथ हैं।
सीताराम येचुरी ने कही ये बात
मार्क्सवादी कम्यूनिष्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि हमारा मानना है कि एलएसी पर शांति के लिए सरकार को चीन से बातचीत के प्रयास करना चाहिए। सरकार ने शांति के लिए जो भी प्रयास किए हैं, हम उनके साथ हैं। अकाली दल भी बैठक में शामिल हुई, उसने भी चीन मामले पर मोदी सरकार का समर्थन किया।
यह मसला संवेदनशील, इसका सम्मान करें-एनसीपी
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि हमें इस संवेदनशील मुद्दे का सम्मान करना चाहिए। सैनिक हथियार ले गए थे या फिर नहीं, यह फैसला अंतरराष्ट्रीय समझौतों के तहत किया गया है। सीपीआई के डी राजा ने कहा- हमें अमेरिका की उन कोशिशों का विरोध करना चाहिए, जिनके जरिए वो हमें अपने साथ मिलाना चाहता है।
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