चारा घोटाला मामला: सुप्रीम कोर्ट ने आरजेडी प्रमुख लालू यादव को नोटिस जारी कर मांगा जवाब,रांची हाईकोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ सीबीआई ने की थी अपील
देश की सर्वोच्च अदालत ने चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव नोटस जारी किया है। अदालत ने यह नोटिस सीबीआई की ओर से की गई अपील पर दिया है। अपनी अपील में सीबीआई ने रांची उच्च न्यायालय द्वारा लालू यादव को जमानत देने का विरोध किया है। रांची उच्च न्यायालय ने देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू यादव को जमानत दी थी।
देश की सर्वोच्च अदालत ने चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव नोटस जारी किया है। अदालत ने यह नोटिस सीबीआई की ओर से की गई अपील पर दिया है। अपनी अपील में सीबीआई ने रांची उच्च न्यायालय द्वारा लालू यादव को जमानत देने का विरोध किया है। रांची उच्च न्यायालय ने देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू यादव को जमानत दी थी।
सर्वोच्च अदालत के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने यह नोटिस जारी किया है। सीबीआई की ओर से दायर अपील पर अदालत ने लालू यादव से जवाब मांगा है।
दरअसल,12 जुलाई 2019 को रांची उच्च न्यायालय ने लालू यादव को चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में जमानत दी थी। यह मामला देवघर कोषागार से 90 लाख रुपए की अवैध निकासी का है। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट ने 50-50 हजार रुपए के दो निजी मुचलके पर लालू यादव जमानत दी थी। सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई थी। 10 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया था।
ज्ञात हो कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट ने साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है। इस मामले में वो डेढ़ साल से जेल में हैं। करीब आधी सजा वह काट चुके हैं। इसी आधार पर लालू यादव ने जमानत देने के लिए याचिका दायर की थी। आधी सजा काटने पर सर्वोच्च अदालत और रांची उच्च न्यायालय ने कई दोषियों को जमानत दी है। इसी को आधार बनाते हुए लालू यादव ने जमानत याचिका दायर की थी और जमानत पाई थी।
आपको बताते चलें कि चारा घोटाला मामले में ही सीबीआई की ओर से पहले ही एक याचिका दायर की गई थी। इसमें रांची उच्च न्यायालय से साढ़े तीन साल की सजा को बढ़ाने का आग्रह किया गया था। सीबीआई का कहना है कि लालू यादव के साथ अन्य कई आरोपियों को पांच साल की सजा सुनायी गई। लालू यादव पर भी वही आरोप हैं। इस कारण उनकी सजा साढ़े तीन साल से बढ़ाकर पांच साल करनी चाहिए।
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