बिहार में जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के बीच बयान वार,नीतीश कुमार ने कहा-नहीं है कोई विवाद,सब ठीक है
बिहार में बीजेपी और उसकी सहयोगी जेडीयू के रिश्ते सामान्य नहीं हैं। दोनों दलों के नेताओं और पदाधिकारियों के बीच बयानबाजी का सिलसिला अभी भी जारी है। कभी नागरिकता संशोधन कानून, कभी एनआरसी, तो कभी एनपीआर को लेकर दोनों दलों के नेता एक दूसरे पर हमला करते रहते हैं। ताजा विवाद जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के उस बयान को लेकर उत्पन्न हुआ है,जिसमें उन्होंने कहा है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में पुराना फॉर्मूला नहीं चलेगा, नए फॉर्मूले पर सीट का बंटवारा किया जाना चाहिए।
बिहार विधानसभा चुनाव में अभी देरी है। लेकिन चुनावी सरगर्मी अभी से देखी जा सकती है। तमाम दलों के नेता चुनावी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। चुनावी बयार के बीच वाद-विवाद का दौर भी शुरू हो गया है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड के बीच भी मतभेद देखने को मिल रहा है।
बिहार में बीजेपी और उसकी सहयोगी जेडीयू के रिश्ते सामान्य नहीं हैं। दोनों दलों के नेताओं और पदाधिकारियों के बीच बयानबाजी का सिलसिला अभी भी जारी है। कभी नागरिकता संशोधन कानून, कभी एनआरसी, तो कभी एनपीआर को लेकर दोनों दलों के नेता एक दूसरे पर हमला करते रहते हैं।
ताजा विवाद जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के उस बयान को लेकर उत्पन्न हुआ है,जिसमें उन्होंने कहा है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में पुराना फॉर्मूला नहीं चलेगा, नए फॉर्मूले पर सीट का बंटवारा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में जेडीयू को आगामी चुनाव में 50 फीसदी से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए। बीजेपी से सीट बंटवारे को लेकर इस बार चुनाव में अनुपात 1 बटे 1.3 या 1.4 ही रहेगा और बीजेपी को जेडीयू के इस प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए।
प्रशांत किशोर के इस बयान पर बीजेपी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। प्रशांत किशोर के बयान को बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सिरे से खारिज कर दिया है। सुशील मोदी ने तो यह भी कहा कि जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं,बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे गढ़ने वाली कंपनी चलाते हुए राजनीति में आ गए, वे गठबंधन धर्म के विरुद्ध बयानबाजी कर विरोधी गठबंधन को फायदा पहुंचाने में लगे हैं।
सुशील कुमार मोदी के इस बयान पर प्रशांत किशोर ने भी तुरंत पलटवार किया। प्रशांत किशोर ने सुशील मोदी को परिस्थितियों का उपमुख्यमंत्री तक बता दिया। उन्होंने कहा कि 'बिहार में नीतीश कुमार का नेतृत्व और जेडीयू की सबसे बड़े दल की भूमिका बिहार की जनता ने तय किया है, किसी दूसरी पार्टी के नेता या शीर्ष नेतृत्व ने नहीं। 2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश डेप्युटी बनने वाले सुशील मोदी से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर लेक्चर सुनना सुखद अनुभव है।
प्रशांत किशोर के बयान पर जदयू के ही नेता आरसीपी सिंह ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि मीडिया के सामने सीट बंटवारा नहीं होता है। इसे दोनों दलों के नेता मिल बैठकर ही तय करेंगे। हालांकि, प्रदेश के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने दोनों दलों के विवाद को दूर करने की कोशिश की है। नीतीश कुमार ने कहा है कि विवाद जैसी कोई बात नहीं है, सब ठीक है।
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