देश के 28वें थल सेनाध्यक्ष बने मनोज मुकुंद नरवणे,CDS बिपिन रावत की मौजूदगी में संभाला सेना प्रमुख का कार्यभार 

देश की थल सेना को नया प्रमुख मिल गया है। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने थल सेनाध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण कर लिया है। उन्होंने देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत की मौजूदगी में मंगलवार को पदभार को ग्रहण किया। जनरल मनोज नरवणे देश के 28वें सेना प्रमुख हैं। थल सेनाध्यक्ष बनते ही वे दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में शामिल 13 लाख थल सैनिकों के मुखिया बन गए हैं।

देश के 28वें थल सेनाध्यक्ष बने मनोज मुकुंद नरवणे,CDS बिपिन रावत की मौजूदगी में संभाला सेना प्रमुख का कार्यभार 
Pic of Army Chief Manoj Mukund Narwane with CDS Bipin Rawat
देश के 28वें थल सेनाध्यक्ष बने मनोज मुकुंद नरवणे,CDS बिपिन रावत की मौजूदगी में संभाला सेना प्रमुख का कार्यभार 
देश के 28वें थल सेनाध्यक्ष बने मनोज मुकुंद नरवणे,CDS बिपिन रावत की मौजूदगी में संभाला सेना प्रमुख का कार्यभार 

देश की थल सेना को नया प्रमुख मिल गया है। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने थल सेनाध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण कर लिया है। उन्होंने देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत की मौजूदगी में मंगलवार को पदभार को ग्रहण किया। जनरल मनोज नरवणे देश के 28वें सेना प्रमुख हैं। थल सेनाध्यक्ष बनते ही वे दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में शामिल 13 लाख थल सैनिकों के मुखिया बन गए हैं।

मनोज मुकुंद नरवणे फिलहाल उप-सेनाप्रमुख की जिम्मेदारी निभा रहे थे। सितंबर में उप सेना प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभालने से पहले नरवणे सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे,जो चीन से लगने वाली करीब 4000 किलोमीटर लंबी भारतीय सीमा पर नजर रखती है।

लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे अपने 37 साल के कार्यकाल के दौरान विभिन्न कमानों में शांति, क्षेत्र और उग्रवाद रोधी बेहद सक्रिय माहौल में सेवाएं दे चुके हैं।  ये जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। नरवणे जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स की बटालियन और पूर्वी मोर्चे पर इंफेंट्री ब्रिगेड की कमान भी संभाल चुके हैं। ये श्रीलंका में भारतीय शांति रक्षक बल का हिस्सा थे और तीन वर्षों तक म्यामांर स्थित भारतीय दूतावास में रक्षा अताशे भी रहे हैं। 

मनोज मुकुंद नरवणे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के छात्र रहे हैं। ये जून 1980 में सिख लाइट इन्फैंटरी रेजिमेंट के सातवें बटालियन में कमीशन प्राप्त हुए। नरवणे को 'सेना मेडल, 'विशिष्ट सेवा मेडल और 'अतिविशिष्ट सेवा मेडल प्राप्त है।  नरवणे चीनी मामलों के एक्सपर्ट बताए जाते हैं।