नववर्ष के पहले ही दिन रेल यात्री भाड़े में हुई बढ़ोत्तरी,1 से 4 पैसे प्रति किलोमीटर तक किराया बढ़ने से लंबी दूरी की यात्रा हुई मंहंगी
भारतीय रेलवे ने पहले से महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को एक बड़ा झटका दिया है। रेलवे ने यात्री किराये में बढ़ोतरी कर दी है। सामान्य से लेकर वाताकूलित श्रेणी तक का सफर महंगा हो गया है। रेलवे की ओर से किराए में प्रति किलोमीटर 01 से 04 पैसे तक की बढ़ोत्तरी की गई है।
भारतीय रेलवे ने पहले से महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को एक बड़ा झटका दिया है। रेलवे ने यात्री किराये में बढ़ोतरी कर दी है। सामान्य से लेकर वाताकूलित श्रेणी तक का सफर महंगा हो गया है। रेलवे की ओर से किराए में प्रति किलोमीटर 01 से 04 पैसे तक की बढ़ोत्तरी की गई है। रेलवे के इस निर्णय से लाखों यात्रियों को पहले की तुलना में अब ज्यादा किराया चुकाना होगा, लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों पर अधिक असर होगा। किराए की बढ़ी हुई दरें 1 जनवरी, 2020 से लागू हो गई हैं।
साधारण रेल गाड़ियों के गैर वालानुकूलित सेकंड क्लास के किराए में प्रति किलोमीटर 01 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। स्लीपर क्लास के लिए भी किराए में 01 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। जबकि फर्स्ट क्लास के किराए में 1 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। मेल एक्सप्रेस ट्रोनों में बढ़े किराए की बात करें तो सेकंड क्लास यात्रियों को प्रति किलोमीटर 2 पैसे अधिक देने होंगे। स्लीपर क्लास के किराए में 2 पैसे और फर्स्ट क्लास के किराए में भी 2 पैसे की बढ़ोतरी की गई है।
रेलवे ने एसी चेयर कार के किराए में 04 पैसे, एसी-3 टीयर के लिए 04 पैसे, एसी-2 टीयर के किराए में 04 पैसे और एसी फर्स्ट क्लास के किराये में भी 04 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की है। रिजर्वेशन चार्ज, सुपरफास्ट चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेलवे के आदेश के मुताबिक रिजर्वेशन और सुपरफास्ट चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है। कैटरिंग चार्ज में भी किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है।
रेलवे के इस फैसले का असर पहले ही बुक हो चुकीं टिकटों पर लागू नहीं होगी। भाड़े में वृद्धि शताब्दी, राजधानी ट्रेनों के लिए भी लागू होगी। दरअसल, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने बीते गुरुवार को कहा था कि रेलवे यात्री और माल भाड़ा दरों को 'तर्कसंगत' बनाने की प्रकिया में है। हालांकि, इस प्रक्रिया के तहत क्या किराया बढ़ाया जाएगा इस बारे में बताने से उन्होंने इनकार किया था। भारतीय रेल ने घटते राजस्व से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं।
चेयरमैन ने आगे कहा कि किराया बढ़ाना एक 'संवेदनशील' मुद्दा है और अंतिम फैसला लेने से पहले इस पर लंबी चर्चा की जरूरत होगी। उन्होंने कहा, 'हम किराया और माल भाड़े की दरों को तर्कसंगत बना रहे हैं। इस पर सोच-विचार किया जा रहा है। मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता,यह एक संवेदनशील विषय है। चूंकि माल भाड़े का किराया पहले से अधिक है, हमारा लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा यातायात को सड़क से रेलवे की ओर लाना है।'
Comments (0)