CAA पर JDU नहीं करेगी पुनर्विचार,प्रदेश के मंत्री संजय कुमार झा ने कहा- हम अपने पुराने रुख पर हैं कायम
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून पर विधानसभा में दिए बयान के बाद तमाम तरह की अटलें लगाई जा रही थीं। नीतीश कुमार के बयान पर राजनीति हो रही थी। लेकिन नीतीश कुमार के करीबी और प्रदेश के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने उन तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून पर विधानसभा में दिए बयान के बाद तमाम तरह की अटलें लगाई जा रही थीं। नीतीश कुमार के बयान पर राजनीति हो रही थी। लेकिन नीतीश कुमार के करीबी और प्रदेश के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने उन तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है। संजय झा ने जेडीयू के रुख पर पुनर्विचार की अटकलों को निराधार बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जेडीयू ने संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर जो रुख अख्तियार किया था उस पर वह कायम है।
संजय कुमार झा ने कहा, “यह गलत व्याख्या है। मुख्यमंत्री के बोलने के समय हम सभी सदन के भीतर मौजूद थे। हमने लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा में कैब का समर्थन किया, जिससे इस विधेयक को एक अधिनियम बनने में मदद मिली। अब, यह कानून बन जाने के साथ लागू हो गया है। इसका विरोध करने या पार्टी के रुख पर पुनर्विचार करने का सवाल ही नहीं उठता।'
उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए विधेयक के लिए मतदान किया था कि इसमें कोई समस्याग्रस्त प्रावधान नहीं थे। इसका उद्देश्य कुछ लोगों को नागरिकता देना और किसी को भी इससे वंचित नहीं करना है.’’ उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री नीतीश किमार ने सदन में विपक्ष की सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर चर्चा कराने की मांग का जवाब दे रहे थे। इसका मतलब यह नहीं है कि वह अपने पिछले रुख से पलट रहे हैं।
दरअसल, नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा था 'एनआरसी का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता'. उन्होंने कहा कि केंद्र में राजीव गांधी की सरकार के समय असम के परिप्रेक्ष्य में एनआरसी की बात आई थी। देशव्यापी एनआरसी की कोई बात नहीं थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस विषय पर स्थिति साफ कर दी है। इसलिए एनआरसी की कुछ बात ही नहीं है। जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर द्वारा सीसीए को लेकर अपनाए जा रहे कड़े रुख को देखते हुए नीतीश कुमार के पुनर्विचार की बात कहने के कयास लगाए जा रहे थे।
नीतीश कुमार ने सदन को संबोधित करते हुए कहा था कि हर चीज पर चर्चा होनी चाहिए। अगर किसी चीज को लेकर लोगों के मन में अलग-अलग राय है, उसपर चर्चा होनी चाहिए। उनकी राय है कि सदन के अगले सत्र में इसमें इन विषयों पर चर्चा हो। नीतीश कुमार के इस बयान पर राजनीति तेज हो गई थी। कई लोग उनके इस बयान को सीएए के विरोध के तौर पर देखने लगे। नीतीश कुमार के इस बयान के बाद उठे सियासी बयानबाजी पर बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री ने विराम लगा दिया।
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