महाराष्ट्र : एनसीपी प्रमुख शरद पवार पूरे मामले से थे अनभिज्ञ,शिवसेना-एनसीपी की साझा प्रेस कॉन्फ्रेस में दी जानकारी,शरद-उद्धव का दावा-बहुमत साबित नहीं कर सकेगी फडणवीस सरकार
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि अजित पवार का फैसला पार्टी लाइन से अलग है। यह अनुशासनहीनता है। एनसीपी का कोई भी नेता एनसीपी-बीजेपी सरकार के समर्थन में नहीं है। एनसीपी के जो भी विधायक बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं,उन्हें यह समझना होगा कि वे दल-बदल कानून के प्रावधान में आ रहे हैं। इससे उनका विधायक पद खतरे में आ सकता है।’’
महाराष्ट्र में जो कुछ भी हुआ क्या शरद पवार सचमुच उससे अनजान थे? क्या शरद पवार को यह मालूम नहीं था कि उनके भतीजे अजित पवार बजेपी का साथ क्या खिचड़ी पका रहे हैं? क्या शरद पवार इस बात से भी अनभिज्ञ थे कि बीजेपी उनके परिवार और पार्टी दोनों को तोड़ने जा रही हैं? इन सभी सवालों का जवाब हां में है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने स्वयं इसे स्वीकार किया है।
शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि यह अजित पवार का निजी फैसला है,एनसीपी का इससे कोई लेना-देना नहीं। हमारे किसी विधायक ने बीजेपी को समर्थन नहीं दिया है। राजभवन गए एनसीपी विधायकों को भी पता नहीं था कि अजित पवार उपमुख्यमंत्री बन जाएंगे।
शरद पवार ने कहा, ‘‘कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के नेता सरकार बनाने के लिए साथ आए। हमारे पास जरूरी नंबर थे। हमारे विधायक सरकार का समर्थन कर रहे थे। कुछ निर्दलियों के समर्थन से हमारा आंकड़ा 170 तक पहुंच गया था। अजित पवार का फैसला पार्टी लाइन से अलग है। यह अनुशासनहीनता है। एनसीपी का कोई भी नेता एनसीपी-बीजेपी सरकार के समर्थन में नहीं है। एनसीपी के जो भी विधायक बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं,उन्हें यह समझना होगा कि वे दल-बदल कानून के प्रावधान में आ रहे हैं। इससे उनका विधायक पद खतरे में आ सकता है।’’
शरद पवार ने यह भी बताया, ‘‘कुछ विधायकों ने हमें बताया कि सुबह साढ़े छह बजे उन्हें राजभवन ले जाया गया। कुछ ही देर में वहां बीजेपी के समर्थन से अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। अजित पवार का यह निर्णय एनसीपी की नीतियों के विरुद्ध था। हमारे पास सभी दलों यानी एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के विधायकों के दस्तखत किए हुए पत्र थे।
शरद पवार ने कहा," एनसीपी विधायकों का दस्तखत किया पत्र अजित पवार के पास था। लगता है कि अजित पवार ने वही पत्र राज्यपाल को दिखाया हैं। हालांकि, अजित के साथ राजभवन गए एनसीपी के विधायक अब मेरे साथ हैं। बीजेपी और अजित पवार अब विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे। हम दोबारा सरकार बनाने की कोशिश करेंगे, जिसका नेतृत्व शिवसेना ही करेगी।’’ शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने भी ट्वीट किया- पार्टी और परिवार दोनों टूटे।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘देश में लोकतंत्र का मजाक बन गया है। ऐसे ही चलता रहा तो आगे देश में कोई चुनाव कराया ही नहीं जाना चाहिए।’’ उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह महाराष्ट्र पर सर्जिकल स्ट्राईक हुआ है और महाराष्ट्र की जनता इसका बदला अवश्य लेगी।
एनसीपी विधायक राजेंद्र शिंगने ने कहा, “अजित पवार ने मुझे कुछ चर्चा के लिए बुलाया था। यहीं से मुझे कुछ अन्य विधायकों के साथ राजभवन ले जाया गया। जब तक हम कुछ समझ पाते, शपथ ग्रहण पूरा हो चुका था। मैं तुरंत पवार अजित पवार के पास गया और कहा कि मैं शरद पवार और एनसीपी के साथ हूं।’’
कांग्रेस ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी और एनसीपी नेता अजित पवार पर निशाना साधा हैष कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि बिना बैंड-बाजा-बारात के शपथ ग्रहण समारोह हुआ है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई है। अहमत पटेल ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कांग्रेस की ओर से कोई देरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि एनसीपी औप शिवसेना ने उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी शामिल नहीं किया है।
आपको बताते चलें कि महाराष्ट्र की राजनीति में शनिवार को एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशयारी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। देवेंद्र फडणवीस के साथ शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने भी डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। इससे पहले शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच सरकार गठन को लेकर सहमति बन गई थी और तीनों दलों की एक बैठक के बाद उसका औपचारिक ऐलान होना था।
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