नई पॉलिसी पर सरकार ने व्हाट्सएप के सीईओ से मांगा जवाब
उन्होंने कहा, ‘हां, हमने एप पर प्रतिबंध लगा दिए, क्योंकि यह मुद्दा डेटा गोपनीयता था, मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा था, मुद्दा राष्ट्रीय संप्रभुता था। इसलिए किसी भी कंपनियों को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से भी विचार किया जाएगा, चाहें वह निजी हो या सरकारी।’
भारत सरकार ने व्हाट्सएप से कहा है कि वह अपनी गोपनीयता शर्तों में किए गए बदलावों को वापस ले, क्योंकि कोई भी एकतरफा बदलाव उचित और स्वीकार्य नहीं है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने व्हाट्सएप के सीईओ विल कैथार्ट को कड़े शब्दों में लिख गए पत्र में कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर व्हाट्सएप का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है और उसकी सेवाओं के लिए सबसे बड़ा बाजार है।
पत्र में कहा गया कि व्हाट्सएप की सेवा और गोपनीयता नीति में प्रस्तावित बदलाव भारतीय नागरिकों की पसंद और स्वायत्तता को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा करते हैं। मंत्रालय ने व्हाट्सएप से प्रस्तावित बदलावों को वापस लेने और सूचना गोपनीयता, चयन की आजादी तथा डेटा सुरक्षा को लेकर अपने नजरिए पर फिर से विचार करने को कहा। पत्र में कहा गया कि भारतीयों का उचित सम्मान किया जाना चाहिए, और व्हाट्सएप की सेवा, गोपनीयता शर्तों में कोई भी एकतरफा बदलाव उचित और स्वीकार्य नहीं है।
बता दें कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पर संसद की स्थायी समिति की 21 जनवरी को होने वाली बैठक में व्हाट्सएप की गोपनीयता नीति में बदलाव पर चर्चा होगी। इस बैठक में फेसबुक और ट्विटर के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। सूत्रों ने बताया कि समिति ने फेसबुक व ट्विटर के अधिकारियों को समन भेजकर तलब किया है।
लोकसभा सचिवालय के नोटिस के मुताबिक, समिति की अगली बैठक का एजेंडे में व्हाट्सएप की गोपनीयता नीति पर केंद्रित होगा और नागरिकों की सुरक्षा के अधिकार पर फेसबुक व ट्विटर के प्रतिनिधियों के विचारों को सुना जाएगा। साथ ही डिजिटल दुनिया में महिला सुरक्षा पर विशेष जोर के साथ सोशल व ऑनलाइन न्यूज मीडिया का दुरुपयोग रोकना भी इसका हिस्सा होगा।
सरकार व्हाट्सएप की गोपनीयता नीति में बदलावों पर विचार कर रही है: रविशंकर प्रसाद
वहीं व्हाट्सएप की नई गोपनीयता नीति को लेकर उपयोगकर्ताओं की तीखी प्रतिक्रिया के बीच भारत सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप द्वारा किए गए बदलावों पर विचार कर रही है, और साथ ही उन्होंने कहा कि निजी संचार की शुचिता बनाए रखने की जरूरत है।
संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 15वें भारत डिजिटल शिखर सम्मेलन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ संपर्क के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को सबसे अधिक महत्व दिया जाएगा। प्रसाद ने कहा, ‘इस मुद्दे पर मेरा विभाग काम कर रहा है, और निर्णायक प्राधिकारी होने के नाते मेरे लिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। लेकिन, एक बात को बहुत स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगा। चाहें व्हाट्सएप हो, फेसबुक हो, या कोई भी डिजिटल मंच... आप भारत में व्यापार करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन यहां काम कर रहे भारतीयों के अधिकारों का अतिक्रमण किए बिना ऐसा कीजिए।’
उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत संचार की शुचिता को बनाए रखने की जरूरत है। प्रसाद ने कहा कि यह देखते हुए कि मेरा विभाग इस पर काम कर रहा है, मैंने केवल बुनियादी सिद्धांतों पर बात की है। मुझे इसका इंतजार करना होगा।
भारत में अपने उत्पादों को पेश करने के लिए चीनी कंपनियों की भागीदारी के बारे में पूछने पर प्रसाद ने कहा कि सामान्य नीतिगत पहल का जिक्र करने के अलावा किसी भी देश का नाम लेना उनके लिए उचित नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ‘हां, हमने एप पर प्रतिबंध लगा दिए, क्योंकि यह मुद्दा डेटा गोपनीयता था, मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा था, मुद्दा राष्ट्रीय संप्रभुता था। इसलिए किसी भी कंपनियों को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से भी विचार किया जाएगा, चाहें वह निजी हो या सरकारी।’ उन्होंने आगे कहा कि दुनिया हमारे डेटा कानून की ओर देख रही है, जिसे हम बहुत जल्द लाने जा रहे हैं।
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