सुप्रीम कोर्ट ने NPR पर रोक लगाने के किया इनकार,केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब,अब CAA के साथ ही होगी NPR पर भी सुनवाई
देश की शीर्ष अदालत ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर यानी एनपीआर की प्रक्रिया पर लोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है। अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। दरअसल,एनपीआर की पूरी प्रक्रिया को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है। इस मामले में अदालत ने कहा है कि अब इसकी सुनवाई नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के साथ होगी।
देश की शीर्ष अदालत ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर यानी एनपीआर की प्रक्रिया पर लोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है। अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। दरअसल,एनपीआर की पूरी प्रक्रिया को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है। इस मामले में अदालत ने कहा है कि अब इसकी सुनवाई नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के साथ होगी।
नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट ने पिछले साल दिसंबर में एनपीआर को मंजूरी दी थी। एनपीआर की प्रक्रिया के तहत घर-घर जाकर एक रजिस्टर तैयार किया जाएगा और दर्ज किया जाएगा कि कहां कौन रह रहा है।
शीर्ष अदालत में पिछले दिनों सीएए को भी चुनौती दी गई थी। इस मामले में अगली सुनवाई अब फरवरी में होगी। अब अदालत इसी दिन एनपीआर पर भी सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत में सीएए के खिलाफ 143 याचिकाएं दर्ज हैं।
केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत में पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि उसने अब तक 60 याचिकाओं के लिए जवाब तैयार किए है। सरकार की दलील थी कि सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली उन याचिकाओं पर जवाब देने के लिए सरकार को समय चाहिए जो उसे अभी नहीं मिल पाई हैं। ऐसे में अदालत ने केंद्र सरकार को सभी याचिकाओं पर जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है। पांचवे हफ्ते में इस मामले की सुनवाई होगी।
ज्ञात हो कि शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सीएए के क्रियान्वयन पर रोक लगाने और एनपीआर की कवायद फिलहाल टाल देने का अनुरोध किया था। न्यायालय ने कहा कि वो इस मामले पर केंद्र को सुने बगैर इस पर कोई रोक नहीं लगाएगा।
आपको बताते चलें कि एनपीआर का फुल फॉर्म नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर है। जनसंख्या रजिस्टर का मतलब ये है कि इसमें किसी गांव या ग्रामीण इलाके या कस्बे या वार्ड या किसी वार्ड या शहरी क्षेत्र के सीमांकित इलाके में रहने वाले लोगों का विवरण शामिल होगा। ' वैसे देश में काफी भ्रम है कि पॉपुलेशन रजिस्टर, नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस और नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटीजंस किस तरह संबंधित हैं। लेकिन एनपीआर और एनआरसी पूरी तरह अलग हैं। इसे जनगणना से भी जोड़कर देखा जा सकता है।
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