गुजरात से जुड़े हैं कमलेश तिवारी हत्याकांड के तार,आरोपियों की हुई पहचान,मिठाई का डब्बा बना अहम सुराग
पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि कमलेश तिवारी हत्याकांड के आरोपियों की पहचान हो गई है।हमलावरों द्वारा लाया गया मिठाई का डिब्बा इस मामले में महत्वपूर्ण सुराग था। 3 संदिग्ध मौलाना मोहसिन शेख 24 साल, 21 साल का फैजान एक दुकान में काम करता है और 23 साल का खुर्शीद अहमद पठान दर्जी का काम करता है। तीनों को सूरत से गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या के आरोपियों की पहचान हो गई है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने इसकी जानकारी दी। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि कमलेश तिवारी हत्याकांड के तार गुजरात से जुड़े हैं। उत्तर प्रदेश और गुजरात पुलिस की एक संयुक्त टीम ने 3 आरोपियों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है। जिन आरोपियों को पकड़ा गया है उनके नाम मौलाना मोहसिन शेख, फैजान और खुर्शीद अहमद पठान हैं। दो अन्य आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया था, लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। पुलिस महानिदेशक के मुताबिक हत्यारे भगवा कपड़े पहनकर आए थे।
पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि हमलावरों द्वारा लाया गया मिठाई का डिब्बा इस मामले में महत्वपूर्ण सुराग था। इसमें अधिक संदिग्ध शामिल थे। उनका पता लगाया जा रहा है। 3 संदिग्ध मौलाना मोहसिन शेख 24 साल, 21 साल का फैजान एक दुकान में काम करता है और 23 साल का खुर्शीद अहमद पठान दर्जी का काम करता है। तीनों को सूरत से गिरफ्तार भी कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि शुरुआती पूछताछ में तीन लोगों की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि अभी तक स्थापित नहीं हुई है। जरूरत पड़ी तो उन्हें रिमांड में लेंगे, उन्हें यूपी लाएंगे और उनसे पूछताछ करेंगे।
ओपी सिंह ने बताया कि एफआईआर में मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती नईम काजमी को साजिशकर्ता के रूप में नामित किया गया है। इन दोनों को भी हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि सूरत, बिजनौर और लखनऊ में अभियुक्तों के बीच मौजूद लिंक स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।
ओपी सिंह ने बताया कि पैगंबर मोहम्मद पर कमलेश तिवारी द्वारा 2015 में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का बदला लेने के लिए ये हत्या की गई है। खुर्शीद मुख्य साजिशकर्ता है। मोहसिन ने उसे प्रोत्साहित किया। फैजान मिठाई का डिब्बा खरीदने में शामिल था।
डीजीपी ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुल्स गुजरात आतंकवाद विरोधी दस्ते यानी एटीएस के साथ मिलकर काम कर रही है, अब तक किसी भी आतंकवादी संगठन के साथ कोई संबंध स्थापित नहीं हुआ है। हम सभी विवरणों पर गौर करेंगे और कार्रवाई करेंगे।
प्रथम दृष्टया यह एक कट्टरपंथी हत्या है, इन लोगों को 2015 में कमलेश तिवारी द्वारा दिए गए भाषण ने कट्टरपंथी बनाया, लेकिन जब हम बाकी अपराधियों को पकड़ेंगे तो बहुत कुछ सामने आ सकता है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए थे, कमलेश तिवारी को एक गनर और एक पुलिसकर्मी दिया गया था और दोनों उनके साथ थे। पुलिस प्रशासन की ओर से कोई ढिलाई नहीं बरती गई।
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