Corona Update : डायटीशियन कमेटी ने कोरोना मरीजों की तय की डायट,जानिए,क्या है खाना और क्या है परहेज करना? 

कोरोना मरीजों को शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हल्दी मिलाकर दूध जरूर दिया जा सकता है। फल में सेब दे सकते हैं। कटे फल कतई न दें। क्योंकि इससे संक्रमण बढ़ने का जोखिम है। क्वारंटाइन बेड पर जिन मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी हैं,उन्हें चावल, दही और केला दिया जा सकता है। कोरोना संक्रमित मरीजों को मांसाहारी भोजन देने की मनाही है।

Corona Update : डायटीशियन कमेटी ने कोरोना मरीजों की तय की डायट,जानिए,क्या है खाना और क्या है परहेज करना? 
Pic of Lunch Plate
Corona Update : डायटीशियन कमेटी ने कोरोना मरीजों की तय की डायट,जानिए,क्या है खाना और क्या है परहेज करना? 
Corona Update : डायटीशियन कमेटी ने कोरोना मरीजों की तय की डायट,जानिए,क्या है खाना और क्या है परहेज करना? 

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। तमाम प्रयासों के बावजूद प्राणघातक कोरोना का प्रसार हो रहा है। इसी बीच डायटीशियन कमेटी की ओर से कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है, जिसके मुताबिक कोरोना मरीजों को प्रतिदिन 2 हजार कैलोरी का पौष्टिक आहार देना होगा। डायबटिक मरीज को ब्रेड नहीं देनी होगी। कोरोना पॉजिटिव मरीज को चावल, दही, केला और खट्टे फल और कच्चा सलाद नहीं देना होगा। इससे उन्हें खांसी आने का खतरा है।

कोरोना मरीजों को शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हल्दी मिलाकर दूध जरूर दिया जा सकता है। फल में सेब दे सकते हैं। कटे फल कतई न दें। क्योंकि इससे संक्रमण बढ़ने का जोखिम है। क्वारंटाइन बेड पर जिन मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी हैं,उन्हें चावल, दही और केला दिया जा सकता है। कोरोना संक्रमित मरीजों को मांसाहारी भोजन देने की मनाही है।

डायटीशियन कमेटी की रिपोर्ट को सभी कोविड अस्पतालों में लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकारी और निजी मेडिकल कालेजों तथा चिकित्सा संस्थानों में बने कोविड-19 के अस्पतालों में पौष्टिक आहार दिए जाने का प्रोटोकॉल बनाने के लिए  चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल कालेजों के डायटीशियन की एक कमेटी बनाई है। इसी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने सभी मेडिकल कालेजों और चिकित्सा संस्थानों के प्रमुखों को कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के  लिए सबेरे का नाश्ता, दोपहर का भोजन, शाम की चाय और रात का भोजन देने के निर्देश दिए हैं। 

देश के आगरा, मेरठ और सहारनपुर जैसे मेडिकल कालेजों में कोरोना मरीजों को गुणवत्तायुक्त भोजन न मिलने की शिकायतों के बाद विभाग ने यह डॉयट प्रोटोकॉल जारी किया है। इसके तहत मेडिकल कालेजों को अपने एक फैकल्टी के सदस्य को किचन कमेटी का प्रभारी बनाया जाना है। उस कमेटी में मेडिकल कालेज की डायटीशियन भी शामिल किया जाएगा।

दिशा-निर्देशों के तहत खाने में खड़े गरम मसाले का प्रयोग किया जाएगा। कोरोना पॉजिटिव मरीज को कार्बोहाइड्रेट के लिए आलू,  फाइबर के लिए फल, प्रोटीन के लिए पनीर, अरहर की दाल,  सोयाबरी दी जा सकती है। भोजन फाइबर युक्त होना चाहिए। इसमें गाजर की सब्जी, राजमा और चने की दाल दी जानी चाहिए।

कोराना मरीज का ब्रेक फास्ट 800-900 कैलोरी का हैवी होना चाहिए। सुबह के नाश्ते में जिन मरीजों को डायबिटीज नहीं है। उन्हें ब्रेड मक्खन, दलिया, उपमा और पोहा दिया जाना चाहिए। उबला अंडा भी दिया जा सकता है। साथ में एक कप दूध भी हो। उसके बाद सेब और केला दिया जा सकता है। शाम की चाय के साथ लईया और बिस्कुट भी दें।