यूज हुए मास्क और PPE किट से ईंट बनाता है ये शख्स, नाम है 'रिसाइकल मैन'

यूज हुए मास्क और PPE किट से ईंट बनाता है ये शख्स, नाम है 'रिसाइकल मैन'

कोरोना त्रासदी को एक साल से अधिक हो गए। इस महामारी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। मास्क, सेनेटाइजर से लेकर पीपीई किट जैसे तमाम चीजों के माध्यम से लोगों ने इससे बचने की कोशिश की लेकिन ना जाने कितने लोगों की जान इस महामारी ने ले ली। इन सबके बीच यह भी चर्चा का विषय रहा कि यूज किए गए फेस मास्क और पीपीई किट के कचरे का निस्तारण कैसे होगा। दरअसल, कई अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट्स में भी इस बात का जिक्र किया गया कि आने वाले समय में इन चीजों का कचरा बहुत बढ़ने वाला है। इसी कड़ी में भारत का एक शख्स है जो उम्मीदों को जगा रहा है। गुजरात के रहने वाले बिनीश देसाई देश में कचरों से जमा मास्क और पीपीई किट से ईंटें बना रहे हैं। 27 साल के बिनीश को भारत का रिसाइकिल मैन भी कहा जाता है। बिनीश देसाई एक कंपनी के संस्थापक हैं, उनकी कंपनी इंडस्ट्रियल वेस्ट को सस्टेनेबल बिल्डिंग मटीरियल बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है। जिस मास्क और पीपीई किट को लोग इस्तेमाल के बाद फेंक देते हैं, उन्हीं कचरों से बिनीश की कंपनी ईंटें बना रही है। ईंटों की क्वालिटी भी काफी अच्छी है। ये काफी मजबूत हैं। 

गुजरात के वलसाड में पैदा हुए बिनीश का बचपन से ही क्रिएटिविटी में काफी इंट्रेस्ट रहा है। उन्होंने बचपन में अपने किचन में भाप को पानी में बदलने वाली शीन बनाई थी। वो बताते हैं कि रिसाइकल चीजों से ईंटें बनाने का ख्याल बिनिश को उनके स्कूल लाइफ में ही आया था। वो सस्ते दामों में ईंटें बनाकर वैसे लोगों की मदद करना चाहते थे जो अपना घर बनाना चाहते थे। बिनीश ने बताया कि लोग ज्यादातर सिंगल यूज मास्क यूज कर रहे हैं। एक बार इस्तेमाल होने के बाद ये मास्क कूड़े में शामिल हो जाते हैं। तो मैंने सोचा क्यों न मैं इस वेस्ट से भी ईंटें बनाने का काम शुरू करूं। रिपोर्ट्स के मुताबिक इनकी कंपनी के बनाए ईंटों से कई घर और कई बिल्डिंग्स का निर्माण किया जा चुका है। 

दिलचस्प बात ये है कि ये ईंटें आग में भी खराब नहीं होती। इन ईंटों की वजह से मेडिकल वेस्ट कम हो रहे हैं। यही वेस्ट पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। कुल मिलाकर कोरोना महामारी की वजह से प्लास्टिक वेस्ट की चीजों में काफी इजाफा हुआ है, इसे ऐसे ही उपयोग में लाया जा सकता है ताकि पर्यावरण को नुकसान ना पहुंचे।