ऐसे करें मां शारदा की साधना एवं प्रार्थना , सर्वत्र प्राप्त होगी मान-सम्मान और प्रतिष्ठा

मां शारदा प्रसन्न होने पर काम, क्रोध, लोभ, मद, मोह, अहंकार, दुर्विचार आदि दुर्गुणों का शमन कर उपासकों को सत्य, अहिंसा, क्षमा, सहनसीलता, करुणा, प्रेम और परोपकार का ज्ञान प्रदान करती हैं। मां की उपासना से सर्वत्र मान, सम्मान एवं प्रतिष्ठा मिलती है। मां बुद्धि, विद्या, वाणी, कला, ज्ञान एवं प्रतिभा भी प्रदान करती हैं। 

ऐसे करें मां शारदा की साधना एवं प्रार्थना , सर्वत्र प्राप्त होगी मान-सम्मान और प्रतिष्ठा
Worship Pic of Maa Saraswati
ऐसे करें मां शारदा की साधना एवं प्रार्थना , सर्वत्र प्राप्त होगी मान-सम्मान और प्रतिष्ठा
ऐसे करें मां शारदा की साधना एवं प्रार्थना , सर्वत्र प्राप्त होगी मान-सम्मान और प्रतिष्ठा

बसंत पंचमी मां सरस्वती की पूजा,अर्चना, उपासना, आराधना, साधना, वंदना एवं प्रार्थना का दिन है। सरस्वती पूजा मुख्यतः विद्यार्थियों एवं वुद्धिजीवियों का पर्व है। यह पर्व सभी विद्यालयों के साथ-साथ घरों में भी भक्ति-भाव के साथ मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती, मां लक्ष्मी, भगवान श्री गणेश, भगवान शिव, श्री हरि विष्णु, श्री कृष्ण एवं राधा, श्री सूर्यदेव तथा कामदेव एवं रति की पूजा भी की जाती है।

माध मास की चतुर्थी को तिथि को विधान के अनुसार संयम एवं सदाचार जीवन व्यतीत कर पंचमी को प्रातःकाल नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत बसंती रंग के वस्त्र धारण करें। तदोपरांत कलश तथा मां सरस्वती प्रतिमा सहित सभी देवी-देवताओं की प्रतिमा, मूर्ति अथवा तस्वीर स्थापित कर उनकी धूप, दीप,वैवेद्य आदि से विधि पूर्वक पूजन करें। तत्पश्चात अभीष्ट फल प्रदान करने वाली मां सरस्वती की संपूर्ण विधि-विधान के साथ पूजा एवं प्रार्थना करें।

मां सरस्वती की पूजा में पीले पुष्प, अक्षत, कुमकुम, मिठाई, आम के पत्ते, घी, पान, सुपारी एवं बसंती रंग के वस्त्रों का प्रयोग किया जाता है। इसलिए आम के पत्ते को दरवाजों पर वंदनवार की तरह लगाएं। आम के पत्तों को कलश पर रखकर उसी पर घी का दीपक जलाएं।

पूजा के दौरान सर्वप्रथम सभी देवी-देवताओं का विधि पूर्वक पूजन करें। मां सरस्वती को कुमकुम, सिंदूर एवं रोली से तिलक कर पीले पुष्प एवं पीले वस्त्र अर्पित करें। इसके उपरांत मंत्रों का उच्चारण करते हुए मां की उपासना एवं प्रार्थना करें। मां को नाना प्रकार के फलों, मिठाईयों एवं जल का भोग लगाएं और फिर वही भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में वितरण करें।

मां शारदा की इस दिन संपूर्ण विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। इसलिए मां सरस्वती प्रसन्न होने पर काम, क्रोध, लोभ, मद, मोह, अहंकार, दुर्विचार आदि दुर्गुणों का शमन कर उपासकों को सत्य, अहिंसा, क्षमा, सहनसीलता, करुणा, प्रेम तथा परोपकार का ज्ञान प्रदान करती हैं।

मां शारदा का संबंध, बोलने, लिखने,शब्दों की उत्पत्ति एवं दिव्य श्लोक विन्यास से है। इसलिए मां सरस्वती की उपासना से मानव को सर्वत्र मान, सम्मान एवं प्रतिष्ठा मिलती है। मां सरस्वती बुद्धि, विद्या, वाणी, कला, ज्ञान एवं प्रतिभा प्रदान करती हैं।