दयालबाग राधास्वामी सत्संग ने कृषि और पर्यावरण संरक्षण के लिए शुरू की वैश्विक मुहिम, इंटरनेशनल सेंटर फॉर एग्रोलॉजी कार्यक्रम से जुड़ें 100 से अधिक देश।

राधा स्वामी सत्संग एसोसिएशन दिल्ली इकाई की अध्यक्ष दयाल रे ने बताया कि एग्रोकोलॉजी का मतलब रासायनिक खेती का त्याग कर परंपरागत तरीके से कृषि उत्पाद तैयार करना है। जिसे साधारण भाषा में जैविक खेती करना भी कहा जा सकता है।

दयालबाग राधास्वामी सत्संग ने कृषि और पर्यावरण संरक्षण के लिए शुरू की वैश्विक मुहिम, इंटरनेशनल सेंटर फॉर एग्रोलॉजी कार्यक्रम से जुड़ें 100 से अधिक देश।
दक्षिणी दिल्ली के स्वामी नगर में दयालबाग राधा स्वामी सत्संग

नई दिल्ली : दयालबाग राधास्वामी सत्संग ने कृषि, बड़े पैमाने पर वनों की कटाई, पानी की कमी, पर्यावरण असंतुलन जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए विश्वव्यापी मुहिम शुरू की है। इस मुहिम का नाम इंटरनेशनल सेंटर फॉर एग्रोकोलॉजी (आईसीए) दिया गया है।

 इस अभियान में राधा स्वामी संप्रदाय के सौ से अधिक देशों में रहने वाले अनुयायियों और विभिन्न संस्थाओं के लोगों ने हिस्सा लिया। दक्षिणी दिल्ली के स्वामी नगर में राधा स्वामी सत्संग से जुड़े सैकड़ों लोगों ने इस विषय पर न केवल लाइव प्रसारण देखा, बल्कि कई विशेषज्ञों ने इस विषय पर अपने विचार भी प्रस्तुत किए।

राधा स्वामी सत्संग एसोसिएशन दिल्ली इकाई की अध्यक्ष दयाल रे ने बताया कि एग्रोकोलॉजी का मतलब रासायनिक खेती का त्याग कर परंपरागत तरीके से कृषि उत्पाद तैयार करना है। जिसे साधारण भाषा में जैविक खेती करना भी कहा जा सकता है। जबकि संस्था के उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार ने बताया कि कोरोना काल में संस्था ने गहन शोध किया और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि एग्रोकोलॉजी को अपना कर ही स्वास्थ्य और पर्यावरण जैसी बहुत सी समस्याओं से निपटा जा सकता है।