रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की स्वदेश वापसी, फ्रांस की यात्रा को बताया सार्थक, शस्त्र पूजा पर विपक्ष के सवालों का दिया जवाब
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "चाहें जिसको जो कहना है कहे जो मुझे उचित लगा मैंने किया। भविष्य में भी जो उचित लगेगा मैं करूंगा। हमारी आस्था है, कोई न कोई एक सुपरपावर है, बचपन से ही मैं उसे मानता आया हूं। पूजा करने पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। अगर कोई दूसरे धर्म का मानने वाला होता, तो वो भी उसके मुताबिक पूजा कर सकता था। चाहें वो मुस्लिम होता या क्रिश्चियन होता हमको कोई आपत्ति न होती हम उसका स्वागत करते।''
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार देर रात फ्रांस दौरे से स्वदेश लौट आए। रक्षा मंत्री राफेल विमान को लेने के लिए फ्रांस गए थे। फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा समाप्त कर स्वदेश रवाना होने से पहले रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया,‘‘शुक्रिया फ्रांस! मेर्सी! यह यात्रा बेहद सार्थक रही।'' उन्होंने कहा,‘‘इस यात्रा के नतीजे भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग और मजबूत करेंगे। राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों, रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली और फ्रांस सरकार के आतिथ्य के प्रति मेरा आभार।''
फ्रांस से दिल्ली रवाना होने के पहले रक्षा मंत्री ने फ्रांस की कंपनियों को रक्षा उपकरणों का निर्माण करने के लिए भारत को अपना ठिकाना बनाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि फ्रांस की उनकी यात्रा बेहद सार्थक रही और इससे भारत तथा फ्रांस के द्विपक्षीय रक्षा संबंध और प्रगाढ़ होंगे।
रक्षा मंत्री ने राफेल विमान की शस्त्र पूजा करने को लेकर उठे सवालों पर विपक्ष की आलोचना का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, "चाहें जिसको जो कहना है कहे जो मुझे उचित लगा मैंने किया। भविष्य में भी जो उचित लगेगा मैं करूंगा। हमारी आस्था है, कोई न कोई एक सुपरपावर है, बचपन से ही मैं उसे मानता आया हूं। पूजा करने पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। अगर कोई दूसरे धर्म का मानने वाला होता, तो वो भी उसके मुताबिक पूजा कर सकता था। चाहें वो मुस्लिम होता या क्रिश्चियन होता हमको कोई आपत्ति न होती हम उसका स्वागत करते।''
रफाल विमान के हैंडलिंग ओवर समारोह में भाग लेने के लिए फ्रांस गए राजनाथ सिंह ने फ्रांस के प्रमुख रक्षा उद्योगों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को भी संबोधित किया और तकनीकों के मेल के जरिए भारत के बंदरगाहों और रक्षा मंचों को आधुनिक बनाने को कहा। उन्होंने कहा,‘‘फ्रांस की कंपनियां रक्षा उपकरण निर्माण के लिए भारत को अपना ठिकाना बना सकती हैं। भारत के बड़े बाजार के लिए ही नहीं बल्कि अन्य देशों को निर्यात करने के लिए भी.''
राजनाथ सिंह ने भारत भर में एक समान वस्तु एवं सेवा शुल्क लागू करने के महत्व को भी रेखांकित किया। स्वतंत्रता के बाद यह कर सुधार की दिशा में सबसे बड़ा कदम है। उन्होंने कहा,‘‘हमने हाल ही में अपने कॉर्पोरेट कर में भारी कटौती की है। रक्षा के क्षेत्र में यदि ‘मेक इन इंडिया' के लिए कर को और सुसंगत करने की जरूरत पड़ी तो इसपर विचार किया जाएगा।''
रक्षा मंत्री ने फ्रांस की कंपनियों की प्रति वर्ष भारत में डिफेंस एक्सपो में उत्साह के साथ भाग लेने की भी सराहना की। उन्होंने फ्रांस की कंपनियों को अगले साल पांच से आठ फरवरी के बीच लखनऊ में आयोजित होने वाले डेफएक्सपो में भाग लेने के लिए औपचारिक निमंत्रण भी दिया। उन्होंने कहा कि लखनऊ समृद्ध संस्कृति और धरोहरों वाला शहर है और फ्रांस के लोग महान संस्कृतियों का आदर करने वाले माने जाते हैं। लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी है और नए अवसरों की भूमि भी।
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