क्या कर्नाटक में अब बनेगी बीजेपी की सरकार या सिद्धरमैया के नाम पर मान जाएंगे माननीय?

कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार पर एक बार फिर संकट के बादल दिख रहे हैं। कांग्रेस के 5 और जेडीएस के 3 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। विधायकों के इस्तीफे के बाद लंबे समय से मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी सरकार पर चले आ रहे संकट ने अब दिलचस्प मोड़ ले लिया है।

क्या कर्नाटक में अब बनेगी बीजेपी की सरकार या सिद्धरमैया के नाम पर मान जाएंगे माननीय?
Pic of Congress Leader Siddhramaiya with MLA
क्या कर्नाटक में अब बनेगी बीजेपी की सरकार या सिद्धरमैया के नाम पर मान जाएंगे माननीय?
क्या कर्नाटक में अब बनेगी बीजेपी की सरकार या सिद्धरमैया के नाम पर मान जाएंगे माननीय?
क्या कर्नाटक में अब बनेगी बीजेपी की सरकार या सिद्धरमैया के नाम पर मान जाएंगे माननीय?

क्या कर्नाटक में कुछ दिनों बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार होगी? क्या कर्नाटक में चल रही कांग्रेस-जेडीएस की सरकार गिर जाएगी? हम ये सवाल इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के 11 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंप दिया है। इसके साथ ही कर्नाटक में एक बार फिर सियासी संकट गहराता दिख रहा है।

कांग्रेस नेता सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बनाने की मांग

कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को लेकर उभरे संकट में अब नया मोड़ आ गया है। इस्तीफा देने वाले 11 विधायकों में चार का कहना है कि यदि सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बनते हैं तो वे अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे। एचडी कुमारस्वामी सरकार पर आज उस समय संकट खड़ा हो गया, जब नाराज विधायक स्पीकर के पास इस्तीफा देने पहुंच गए। हालांकि स्पीकर के. आर. मौजूद नहीं थे, तो विधायक विधानसभा सचिव को अपना इस्तीफा सौंपकर चले आए। अब इनमें से चार विधायकों का कहना है कि उन्होंने पार्टी हाईकमान और गठबंधन के नेताओं को बता दिया है कि यदि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया जाता है, तो वे अपना इस्तीफा वापस ले सकते हैं। 

सरकार बनाने के लिए बीजेपी का रास्ता हुआ साफ

कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार पर संकट के बादल दिख रहे हैं। कांग्रेस और जेडीएस के जिन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है उनमें बीसी पाटिल,एच विश्वनाथ, नारायण गौड़ा, शिवराम हेब्बर, महेश कुमाथल्ली, प्रताप गौड़ा पाटिल, रमेश जारकीहोली, और गोपालैया शामिल हैं। विधायकों के इस्तीफे के बाद लंबे समय से मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी सरकार पर चले आ रहे संकट ने अब दिलचस्प मोड़ ले लिया है। यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने का रास्ता भी साफ हो गया है।

सत्ता पक्ष ने बुलाई आपात बैठक

इस बीच प्रदेश के उपमुख्यपमंत्री जी. परमेश्वमर और राज्य  के मंत्री डीके शिवकुमार ने कांग्रेस के विधायकों और निगम सदस्यों  की आपात बैठक बुला ली है। शुरुआत में डीके शिवकुमार ने नए घटनाक्रम पर दावा किया था कि वे उन सभी (आठ कांग्रेस विधायकों और तीन जेडीएस विधायकों) से मिल चुके हैं और कोई विधायक इस्ती फा नहीं देने जा रहा है।

उपेक्षा के कारण दिया इस्तीफा- रामालिंगा रेड्डी

माडिया से बातचीत में कांग्रेस विधायक रामालिंगा रेड्डी ने कहा कि मैं विधानसभा अध्य क्ष को अपना इस्तीाफा सौंपने आया हूं। मैं अपनी बेटी कांग्रेस विधायक सौम्याव रेड्डी के अगले कदम के बारे नहीं जानता। उन्होंीने कहा कि मैं पार्टी में किसी को भी इसका दोष नहीं दे रहा हूं। मुझे लगता है कि कुछ मुद्दों पर मेरी उपेक्षा की जा रही है, इसीलिए मैंने इस्तींफा देने का फैसला लिया।

क्षेत्र की जनता के साथ हुआ अन्याय- बीसी पाटिल

विधानसभा अध्यतक्ष से मिलने पहुंचे कांग्रेस विधायक बीसी पाटिल ने कहा कि मेरे क्षेत्र और उत्तर कर्नाटक के लोगों के साथ अन्याय हुआ है। गौर करने वाली बात यह है कि इन दिनों मुख्यतमंत्री एचडी कुमारस्वाेमी अमेरिका के दौरे पर हैं। माना जा रहा है कि इससे राज्य  में उपजे मौजूदा संकट से सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अभी हाल ही में कांग्रेस के विधायक आनंद सिंह ने विधानसभा अध्यरक्ष को अपना इस्तींफा सौंपा था। 

कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को जनता ने नकारा है- जीवीएल नरसिम्हा राव

इन्हीं घटनाक्रम के बीच बीजेपी सांसद जीवीएल नरसिम्हाक राव ने कहा है कि कर्नाटक की जनता ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को नकार दिया है। लोकसभा चुनावों में दोनों की दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा बावजूद इसके बीजेपी राज्य  में भारी बहुमत हासिल करने में सफल रही। बीजेपी प्रचंड जीत राज्यब के लोगों के मूड को स्पयष्टं तौर पर बता रही है। निश्चित रूप से विपक्ष के विधायक भी गठबंधन के खिलाफ जनता के गुस्से का सामना कर रहे हैं।

कर्नाटक में राजनीतिक संकट गहराया

ऐसे में यह स्पष्ट हो गया है कि कर्नाटक में राजनीतिक संकट गहरा गया है। कांग्रेस के विजयनगर विधायक आनंद सिंह और गोकके विधायक राजेश जरकीहोली ने अपनी विधानसभा की सदस्यता से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। इन दो इस्तीफों के बाद कर्नाटक में कांग्रेस के अब 77 विधायक बचे थे जबकि जेडीएस के पास 37 विधायक।

113 का है जादुई आंकड़ा

गैरतलब है कि 224 सीटों वाले कर्नाटक विधानसभा में सत्ता हासिल करने का जादुई आंकड़ा 113 है। दूसरी ओर मुख्य विपक्षी बीजेपी के पास 105 विधायक हैं, बहुजन समाज पार्टी का एक विधायक और एक स्वतंत्र विधायक है। अब इन 8 विधायकों के इस्तीफों के बाद कुमार स्वामी सरकार के पास सत्ता में बने रहने के उतने विधायक नहीं बचे हैं, जितनी उन्हें जरूरत है। आपको बता दें पिछले साल हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 और जेडीएस ने 35 सीटों पर जीत हासिल करके सरकार बनाई थी। जबकि बीजेपी ने 104 सीटें जीती थी।

पहले भी आई है चुनौती

यह पहला मौका नहीं है जब कर्नाटक में गठबंधन सरकार को बनाए रखने की चुनौती आई हो। इससे पहले भी कांग्रेस के विधायकों के बीजेपी के संपर्क में होने की बात सामने आई थी। उस दौरान कहा गया था कि कांग्रेस के कुछ विधायक पार्टी से नाराज हैं और बीजेपी के साथ जाना चाहते हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इन तमाम अटकलों को गलत बताया था।