JNU कुलपति एम.जगदीश कुमार का बड़ा खुलासा,कहा-हॉस्टल में अवैध रूप से रह रहे हैं कई बाहरी छात्र,जिनके हिंसा में शामिल होने की है पूरी संभावना
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के बाद कुलपति एम जदगीश कुमार ने शनिवार को पहली बार विश्वविद्यालय के छात्रों से बातचीत की। कुलपति शनिवार को मीडिया से भी मुखातिव हुए और बताया कि जेएनयू के हॉस्टल में कई छात्र अवैध तरीके से रह रहे हैं। ये बाहरी भी हो सकते हैं। इसकी पूरी संभावना है कि हिंसा में इन छात्रों का हाथ भी हो सकता है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के बाद कुलपति एम जदगीश कुमार ने शनिवार को पहली बार विश्वविद्यालय के छात्रों से बातचीत की। कुलपति शनिवार को मीडिया से भी मुखातिव हुए और बताया कि जेएनयू के हॉस्टल में कई छात्र अवैध तरीके से रह रहे हैं। ये बाहरी भी हो सकते हैं। इसकी पूरी संभावना है कि हिंसा में इन छात्रों का हाथ भी हो सकता है।
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में कुछ आंदोलनरत छात्रों ने दहशत फैलाने की कोशिश की,जिसकी वजह से बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं को हॉस्टल छोड़कर जाना पड़ा,पर बिते कुछ समय से कैंपस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।मानव संसाधन विकास विभाग के सचिव अमित खरे मुलाकात के बाद कुलपति ने कहा,“मैंने एचआरडी सचिव से विस्तार में बात की है,उनसे हर मुद्दे पर बात हुई है। छात्रों की सुरक्षा को लेकर,खासकर लड़कियों की सुरक्षा को लेकर हम गंभीर हैं। जेएनयू प्रशासन सहयोग को तैयार है और हम फ्लेक्सिबल रहे हैं।“
उन्होंने कहा, ”रजिस्ट्रेशन की डेट हमने बढ़ाई है और जरूरत पड़ने पर और भी बढ़ाई जाएगी। विश्वविद्यालय में स्थिति शांतिपूर्ण और सामान्य है। विश्वविद्यालय अकादमिक गतिविधियों का करता रहेगा। हम हर छात्र को अपने अकादमिक लक्ष्यों को जारी रखने में मदद करना चाहेंगे। “ एचआरडी सचिव अमित खरे पूरे मामले पर शाम के चार बजे जेएनयू छात्र संघ के पदाधिकारियों से बाचचीत के बाद मीडिया से बात करेंगे।
बताया यह भी जा रहा है कि जेएनयू हिंसा मामले की जांच कर रही एसआईटी ने 60 सदस्यों वाले एक व्हाट्सऐप ग्रुप,जिसका नाम यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट है, उससे संबंधित 37 लोगों की पहचान कर ली है। शुक्रवार को भी दिल्ली पुलिस के डीसीपी ने मीडिया से बातचीत में बताया था कि एसआईटी ने 9 लोगों की पहचान की है, जिसमें जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष का नाम भी शामिल है।
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को जेएनयू हिंसा मामले में नौ संदिग्धों की तस्वीर जारी करते हुए कहा था कि आइशी घोष भी उनमें से एक थीं। पुलिस ने कहा था कि 9 में से सात वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े हैं, जबकि दो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी से जुड़े कार्यकर्ता हैं। आइशी घोष के अलावा जिन नौ छात्रों की पहचान हुई है उनमें चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, योगेंद्र भारद्वाज, प्रिय रंजन, शिवपूजन मंडल, डोलन, सुचेता तालुकदार और वसकर विजय के नाम शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस द्वारा हमलावरों के रूप में नाम लिए जाने के बाद जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि उनके पास भी सबूत हैं कि किस प्रकार उनपर पर हमला किया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस के पास जो भी साक्ष्य हैं, उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए। जेएनयू हिंसा मामले में कुल तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। पहला केस सर्वर रूम को नुकसान पहुंचाने का, दूसरा केस रजिस्ट्रेशन करवाने वाले छात्रों के साथ मारपीट करने का और तीसरा केस हॉस्टल में घुसकर हमला करने का है।
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