स्कूलों के आसपास अब नहीं किया जा सकेगा जंक फूड का विज्ञापन, FSSAI ने सरकार को दिए सुझाव, प्रस्ताव में बिक्री पर रोक की बात नहीं
खाद्य विनियामक फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से जारी प्रस्ताव के मुताबिक स्कूल परिसर के 50 मीटर के दायरे में अधिक वसा, नमक और चीनी वाले खाद्य उत्पादों यानी जंक फूड का विज्ञापन नहीं किया जा सकेगा और न ही इन्हें मुफ्त में बांटा जा सकेगा। प्रस्ताव में कहा गया है कि निर्माता कंपनियां अधिक पोषक तत्वों वाले और ऊर्जा देने वाले नए उत्पाद विकसित करेंगे।
देश के तमाम सरकारी और नीजि स्कूलों के नजदीक अब जंक फूड का प्रचार-प्रसार नहीं किया जा सकेगा। खाद्य विनियामक फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी एफएसएसएआई ने सुरक्षित खाद्य को लेकर जो ड्राफ्ट जारी किया है,उसमें स्कूलों के आसपास जंक फूड के प्रचार पर रोक का प्रस्ताव है। हालांकि इस प्रताव में जंक फूड की बिक्री पर रोक लगाने की बात नहीं की गई है।
खाद्य विनियामक फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से जारी प्रस्ताव के मुताबिक स्कूल परिसर के 50 मीटर के दायरे में अधिक वसा, नमक और चीनी वाले खाद्य उत्पादों यानी जंक फूड का विज्ञापन नहीं किया जा सकेगा और न ही इन्हें मुफ्त में बांटा जा सकेगा। प्रस्ताव में कहा गया है कि निर्माता कंपनियां अधिक पोषक तत्वों वाले और ऊर्जा देने वाले नए उत्पाद विकसित करेंगे।
एफएसएसएआई के प्रस्ताव में पौष्टिक खाद्य पदार्थ बेचने वाले निर्माताओं को बच्चों के खेल और अन्य कार्यक्रमों को प्रायोजित करने का अधिकार भी दिया गया है। पर यह साफ नहीं किया है कि उत्पादक पहले से बिक रहे जंक फूड स्कूली छात्रों को नहीं बेचेंगे।
अंतरराष्ट्रीय संस्था आईबीएफएएन,जो बच्चों के भोजन पर काम करती है, उसका इस बावत कहना है कि प्रस्ताव में स्वास्थ्यकर खाने को तो परिभाषित किया गया है,लेकिन अस्वास्थ्यकर खाने को परिभाषित नहीं किया गया है। निगरानी का पूरा काम स्कूल प्रबंधन को दे दिया गया है। देश भर में स्कूल परिसर के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री और 150 मीटर के दायरे में शराब की बिक्री पर रोक है।
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