सुख, समृद्धि, शांति एवं सामाजिक सौहार्द का पर्व है लोहड़ी

भारत ही वह देश है, जहां विभिन्न धर्म, संप्रदाय एवं समुदाय के लोग एक साथ मिलकर पर्व और त्योहार मनाते हैं। उन्हीं त्योहारों में से एक त्योहार है लोहड़ी। हंसी, खुशी, सुख एवं समृद्धि का पर्व है लोहड़ी। आपसी एकता एवं भाईचारा का पर्व है लोहड़ी। जश्न मनाने का पर्व है लोहड़ी। सामाजिक सौहार्द का पर्व है लोहड़ी। अखंडता का पर्व है लोहड़ी।

सुख, समृद्धि, शांति एवं सामाजिक सौहार्द का पर्व है लोहड़ी
GFX on Lohri-2020
सुख, समृद्धि, शांति एवं सामाजिक सौहार्द का पर्व है लोहड़ी
सुख, समृद्धि, शांति एवं सामाजिक सौहार्द का पर्व है लोहड़ी
सुख, समृद्धि, शांति एवं सामाजिक सौहार्द का पर्व है लोहड़ी

भारत वर्ष में भगवान सूर्य का गहन महत्व है। सूर्यदेव को सृष्टि का गतिदाता कहा है। शरद ऋतु मंअ एक दिन भी सूर्यदेव के दर्शन नहीं होते,तो न केवल मानव जाति,बल्कि तमाम प्राणियों का जीवन प्रभावित होने लगता है। इसीलिए सूर्यदेव की पूजा-उपासना का भी महत्वपूर्ण स्थान है। लोहड़ी का पर्व भी प्रत्येक वर्ष सूर्यदेव के मकर राशि में आने के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। सूर्यदेव जिस दिन मकर राशि में प्रवेश करते हैं,उससे ठीक एक दिन पहले लोहड़ी का पावन पर्व मनाया जाता है।

मकर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है। लेकिन बीते कुछ वर्षों में ऐसा नहीं हो रहा है है। इस वर्ष भी लोहड़ी का त्योहार 13 जनवरी को नहीं, बल्कि 14 जनवरी को ही मनाया जाएगा। अगर बात साल 2020 में लोहड़ी पूजन के शुभ मुहूर्त की करें, तो लोहड़ी का शुभ मुहूर्त 14 जनवरी को शाम 5 बजकर 45 मिनट के बाद रहेगा। ज्योतिषियों के मुताबिक 4 बजकर 26 मिनट के बाद 5 बजकर 45 मिनट तक रोग काल रहेगा।

वैसे तो देश भर में लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है। लेकिन पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में इस पर्व का उल्लास देखते ही बनता है। इन राज्यों में लोहड़ी मुख्य रूप से मनायी जाती है। इस दिन शाम को खुली जगह में लोहड़ी जलाई जाती है। इस पवित्र अग्नि में गजक, मूंगफली, मक्का और तिल को अग्नि में डालते हुए उसकी परिक्रमा की जाती है। सभी ख़ुशी के साथ पर्व को मनाते हैं।

वास्त्व में लोहड़ी पर्व प्रकृति को धन्यवाद देने के लिए मनाते हैं। लोहड़ी पर्व को विशेषकर पंजाबी लोग मनाते हैं। लोहड़ी के दिन पंजाबी और सिख समुदाय लोग फसल पकने की खुशी मनाते हैं। लोहड़ी का त्योहार नवविवाहित दंपति और घर में आए नए शिशु के लिए भी महत्वपूर्ण होता है।

दरअसल, भारत ही वह देश है, जहां विभिन्न धर्म, संप्रदाय एवं समुदाय के लोग एक साथ मिलकर पर्व और त्योहार मनाते हैं। उन्हीं त्योहारों में से एक त्योहार है लोहड़ी। हंसी, खुशी, सुख एवं समृद्धि का पर्व है लोहड़ी। आपसी एकता एवं भाईचारा का पर्व है लोहड़ी। जश्न मनाने का पर्व है लोहड़ी। सामाजिक सौहार्द का पर्व है लोहड़ी। अखंडता का पर्व है लोहड़ी।

नफरत के अंत का पर्व है लोहड़ी। खुशियां मनाने का पर्व है लोहड़ी। दरिद्रता हरण का पर्व है लोहड़ी। पापों एवं संतापों के शमन का पर्व है लोहड़ी। किसानों की खुशहाली का पर्व है लोहड़ी।  अग्निदेव की पूजा, अर्चना एवं उपासना का पर्व है लोहड़ी। अन्न देवता एवं देवी अन्नपूर्णा को प्रसन्न करने का पर्व है लोहड़ी। नाचने का पर्व है लोहड़ी। गाने का पर्व है लोहड़ी। झूमने का पर्व है लोहड़ी।

गिद्दा तथा भागड़ा का पर्व है लोहड़ी। निमंत्रण देने का पर्व है लोहड़ी। निमंत्रण लेने का पर्व है लोहड़ी। अभिवादन का पर्व है लोहड़ी। उपहार देने का पर्व है लोहड़ी। उपहार लेने का पर्व है लोहड़ी। मूंगफली, गजक एवं रेवड़ी खाने का पर्व है लोहड़ी। खिलाने का पर्व है लोहड़ी। लोगों को एकता एवं आपसी भाईचारा का संदेश देती है यह लोहड़ी।

लोहड़ी सुख एवं शांति का पर्व है। लोहड़ी रिश्तों का पर्व है। लोहड़ी मधुरता का पर्व है। लोहड़ी प्यार का पर्व है। लोहड़ी मोहब्बत का पर्व है। लोहड़ी स्नेह का पर्व है। लोहड़ी उत्साह का पर्व है। लोहड़ी आनंद का पर्व है। लोहड़ी उमंग का पर्व है। लोहड़ी हर्ष का पर्व है। लोहड़ी उल्लास का पर्व है। लोहड़ी मधुरता का पर्व है। लोहड़ी सुकून का पर्व है।