मोदी-शाह की जोड़ी ने एक बार फिर चौंकाया, ओम बिड़ला को स्पीकर का उम्मीदवार बनाया
राजस्थान के कोटा संसदीय क्षेत्र से बीजेपी सांसद ओम बिड़ला लोकसभा के अगले अध्यक्ष होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने सभी को चौंकाने वाला यह निर्णय लिया है।
राजस्थान के कोटा संसदीय क्षेत्र से बीजेपी सांसद ओम बिड़ला लोकसभा के अगले अध्यक्ष होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने सभी को चौंकाने वाला यह निर्णय लिया है। ओम बिड़ला का नाम इससे पहले राष्ट्रीय राजनीति में कभी सुर्खियों में नहीं रहा। लोकसभा अध्यक्ष के लिए बिड़ला का नाम तय कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने एक बार फिर से सभी को चौंकाया है। सिर्फ दो बार के सांसद ओम बिड़ला को लोकसभा का अध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने संदेश दिया है कि अहम पदों के लिए सिर्फ अनुभव ही नहीं और भी समीकरण मायने रखते हैं।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक में जब गुणवत्ता, निपुणता और तत्परता पर सबसे अधिक फोकस करने की बात कही थी, तभी यह संदेश दिया था कि वरिष्ठता ही जिम्मेदारी सौंपने का एकमात्र पैमाना नहीं है। लोकसभा में पार्टियों की संख्या बल से भी साफ है कि उनकी चुनावी प्रक्रिया में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। ओम बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष बनाए जाने के लिए बीजेपी के अलावा 10 और दलों ने समर्थन देने का फैसला किया है। नेशनल पीपल्स पार्टी, मिजो नेशनल फ्रंट, लोकजनशक्ति पार्टी, वाईएसआरसीपी, जेडीयू, एआईएडीएमके, अपना दल और बीजेडी ने समर्थन देने का ऐलान किया है।
वैश्य बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले सिर्फ दो बार के सांसद ओम बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष बनाने के पीछे की वजह लोग तलाशने में जुटे हैं। ओम बिड़ला के कम अनुभव के सवाल पर कहा जा रहा है कि वह राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव रहे हैं। इस दौरान उन्होंने लीक से हटकर कई पहल की। 2014 में कई संसदीय समितियों में रहे। इसके अलावा उनकी प्रबंधन क्षमता भी अच्छी है। बड़े नेताओं से रिश्ते भी अच्छे हैं। ऊर्जावान भी हैं। इन सब कारणों से उन्हें लोकसभा अध्यक्ष बनाने का फैसला किया गया है।
राजनीतिक करियर की बात करें तो चार दिसंबर 1962 को जन्मे ओम बिड़ला 2014 में 16 वीं लोकसभा के चुनाव में पहली बार सांसद बने। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में वह दोबारा इसी सीट से सांसद बने। इससे पहले 2003, 2008 और 2013 में कोटा से ही विधायक बने। इस प्रकार वह कुल तीन बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में ओम बिड़ला ने करीब पौने तीन लाख वोटों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी को मात दी। इस चुनाव में कुल 15 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। लेकिन मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच सिमट गया था। ओम बिड़ला 800051 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार राम नारायण मीणा 520374 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। कोटा में कुल 69 फीसद मतदान हुआ था।
लोकसभा चुनाव 2014 में इस सीट पर भी ओम बिड़ला को कामयाबी मिली थी। उन्होंने कांग्रेस के इज्यराज सिंह को हराया था। उस चुनाव में बीजेपी को 55 फीसद मत और कांग्रेस उम्मीदवार को 38 फीसद मत मिले थे। 2014 का चुनाव इसलिए दिलचस्प था क्योंकि उनका मुकाबला एक तरह से कोटा राजघराने से था। उस चुनाव में ओम बिड़ला ने कांग्रेसी उम्मीदवार को करीब दो लाख वोटों से हराया था।
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