दिल्ली में सातवें आर्थिक सर्वेक्षण का काम शुरू,पहली बार मोबाइल और टैब में लिया जा रहा है डाटा

सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन में सामाजिक सांख्यिकी विभाग के महानिदेशक ए.के.साधू ने बताया कि पहली बार आर्थिक सर्वेक्षण का कार्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एप्लीकेशन के माध्यम से किया जा रहा है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग से यह लाभ होगा कि समस्त डाटा सटीक और पूरी तरह से सुरक्षित होगा। दिल्ली के अलावा देश भर में 25 अन्य राज्यों और केंद्रशाशित प्रदेशों में ये काम पहले से ही चल रहा है।

दिल्ली में सातवें आर्थिक सर्वेक्षण का काम शुरू,पहली बार मोबाइल और टैब में लिया जा रहा है डाटा
General Pic of National Capital Delhi Market
दिल्ली में सातवें आर्थिक सर्वेक्षण का काम शुरू,पहली बार मोबाइल और टैब में लिया जा रहा है डाटा
दिल्ली में सातवें आर्थिक सर्वेक्षण का काम शुरू,पहली बार मोबाइल और टैब में लिया जा रहा है डाटा
दिल्ली में सातवें आर्थिक सर्वेक्षण का काम शुरू,पहली बार मोबाइल और टैब में लिया जा रहा है डाटा

देश की राजधानी दिल्ली में सातवें आर्थिक सर्वे की शुरुआत हो गई है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने पहली बार इस कार्य की जिम्मेदारी सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के निकाय कॉमन सर्विस सेंटर को सौंपी है। इसके साथ ही पहली बार आर्थिक सर्वेक्षण का समस्त डाटा स्मार्टफोन या टैब पर लिया जाएगा,जिससे कि आर्थिक सर्वेक्षण का कार्य जल्द पूरा किया जा सके।

सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन में सामाजिक सांख्यिकी विभाग के महानिदेशक ए.के.साधू ने बताया कि पहली बार आर्थिक सर्वेक्षण का कार्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एप्लीकेशन के माध्यम से किया जा रहा है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग से यह लाभ होगा कि समस्त डाटा सटीक और पूरी तरह से सुरक्षित होगा। दिल्ली के अलावा देश भर में 25 अन्य राज्यों और केंद्रशाशित प्रदेशों में ये काम पहले से ही चल रहा है।

दिल्ली में इस सर्वेक्षण को पूरा होने में लगभग 3 महीने का समय लगेगा। इस दौरान सर्वेक्षण करने वाले दिल्ली के 45 लाख घरों और ढांचागत आधार तक जाकर लोगों से संबंधित आर्थिक डाटा जुटाएंगे।

देश में राष्ट्रीय आर्थिक सर्वेक्षण हर पांच साल में होता है। यह देश की आर्थिक नीतियां बनाने और सरकार की विभिन्न योजनाएं बनाने के लिए काफी अहम है। कॉमन सर्विस सेंटर के आपॅरेशन हेड नेपाल चंद्र सेन के मुताबिक देश में डेढ़ लाख प्रशिक्षित सर्वे करने वाले कार्यकर्ता करीब 35 करोड़ घरों में जाएंगे और लोगों से जुड़े आर्थिक डाटा हासिल करेंगे।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब तक 22 करोड़ लोगों का सर्वेक्षण किया जा रहा है, जिनमें से 3.5 करोड़ लोगों का डाटा तैयार हो चुका है। ये सारा सर्वेक्षण तेजी के साथ साथ सुरक्षित भी होगा। इसमें ध्यान रखा जाएगा कि किसी भी तरह का डाटा चूक या लीकेज न हो। इसके लिए यह व्यवस्था की गई है कि जब भी कोई डाटा एप्लीकेशन में दर्ज होगा,तो उसी समय वह तुरंत क्लाउड में चला जाएगा। वहां से बिना सूचना या इजाजत के कोई भी व्यक्ति कोई डाटा हासिल नहीं कर पाएगा।

आपको बताते चलें कि देश में आर्थिक सर्वेक्षण का कार्य पहली बार 1978 में किया गया था। यह सातवां सर्वेक्षण है। इसमें हर व्यक्ति का आर्थिक डाटा एकत्रित किया जाएगा। देश भर में इसके लिए दिन-रात कार्य किया जा रहा है। प्रति दिन देश भर में लगभग दस लाख घरों तक सर्वे करने वाले पहुंच रहे हैं।