स्पेशल ट्रेनों में सीनियर सिटीजन और खिलाड़ियों का कन्सेशन बंद, जानिए सिर्फ किसे मिल रही छूट
राजधानी एक्सप्रेस की तरह ही इस समय पूजा स्पेशल ट्रेनों में भी बर्थ की कटौती कर दी गई है। रेलवे कर्मचारियों को राजधानी एक्सप्रेस में सेकेंड एसी में एक, थर्ड एसी में दो बर्थ का पास मिलता है। अब इसी तर्ज पर पूजा स्पेशल के तौर पर चल रहीं ट्रेनों में बर्थ का पास मिल रहा है। जबकि पहले ट्रेनों में रेल कर्मचारियों को परिवार के सदस्यों की संख्या के आधार पहर बर्थ का आवंटन कर दिया जाता था। अब किराया भरना पड़ रहा है।
कोरोनाकाल के बाद से ट्रेनों में कई तरह की श्रेणियों में मिलने वाली छूट बंद कर दी गई है। इससे बुजुर्गों, खिलाड़ियों और छूट के कोटे से यात्रा करने वालों की जेब पर असर पड़ने लगा है। सबसे अधिक परेशानी खिलाड़ियों को हो रही है। वे अपने खर्च पर यात्रा कर प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए जा रहे हैं। पहले नेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए जाने पर 75 फीसदी छूट मिलती थी।
हाल ही में झारखंड, असोम में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए जनपद से कई एथलीट पूरा किराया देकर गए। उन्होंने वहां पदक भी जीते। बुजुर्गों को किराये में रियायत हो या फिर मीडिया, जनप्रतिनिधियों को मिलने वाली छूट, रेलवे ने सब बंद कर दिया है। एमएसटी पास की सुविधा भी अभी नहीं दी जा रही है। रेल किराया में केवल दिव्यांगजनों को ही छूट मिल रही है।
पूजा स्पेशल ट्रेनों के नाम पर अधिक किराया
यात्री सुविधा के नाम पर पूजा स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। नियमित ट्रेनों को ही पूजा स्पेशल ट्रेन नाम दे दिया गया है और इनमें किराया अधिक वसूला जा रहा है। ट्रेन के छूटने और गंतव्य तक पहुंचने का समय पहले जैसा ही है। उदाहरण के तौर पर मंडुवाडीह सुपरफास्ट एक्सप्रेस को पूजा स्पेशल के तौर पर चलाया जा रहा है। इसका किराया शिवगंगा सुपरफास्ट की तुलना में अधिक है। मंडुवाडीह सुपरफास्ट एक्सप्रेस में दिल्ली के लिए जनरल, स्लीपर, एसी-3, एसी-2 व एसी-1 का किराया क्रमश: 270, 545, 1455, 2025, 3115 रुपये है। शिवगंगा का किराया क्रमश: 255, 430, 1140, 1605 और 2695 रुपये है।
राजधानी की तरह पूजा स्पेशल में बर्थ की कटौती
राजधानी एक्सप्रेस की तरह ही इस समय पूजा स्पेशल ट्रेनों में भी बर्थ की कटौती कर दी गई है। रेलवे कर्मचारियों को राजधानी एक्सप्रेस में सेकेंड एसी में एक, थर्ड एसी में दो बर्थ का पास मिलता है। अब इसी तर्ज पर पूजा स्पेशल के तौर पर चल रहीं ट्रेनों में बर्थ का पास मिल रहा है। जबकि पहले ट्रेनों में रेल कर्मचारियों को परिवार के सदस्यों की संख्या के आधार पहर बर्थ का आवंटन कर दिया जाता था। अब किराया भरना पड़ रहा है।
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