भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' को मंजूरी मिलने में होगी देरी, WHO ने मांगा और डाटा

भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' को मंजूरी मिलने में होगी देरी, WHO ने मांगा और डाटा

देश की स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से एक बार फिर झटका लगा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि फिलहाल आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (EUA) में कुछ और दिनों की देरी होगी। डब्ल्यूएचओ ने भारत बायोटेक को उसकी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी देने के लिए कंपनी से और डाटा उपलब्ध कराने को कहा है। कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की ओर से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी में देरी होने की वजह से विदेशी यात्रा करने वालों की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। 

डब्ल्यूएचओ की ओर से अनुमति मिले बिना कोवैक्सीन अधिकांश देशों द्वारा स्वीकार नहीं किया जाएगा। कोवैक्सीन के अप्रूवल को लेकर डब्ल्यूएचओक की स्ट्रेटेजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट ऑन इम्यूनाइजेशन (SAGE) की बैठक 5 अक्टूबर को होगी। इससे पहले एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ प्रवीण भारती पवार ने कहा कि अनुमोदन के लिए दस्तावेज जमा करने की प्रक्रिया जारी है। डब्ल्यूएचओ की ओर से जल्द ही अनुमति मिलने की उम्मीद है। वहीं, नीति आयोग (स्वास्थ्य) के सदस्य डॉ वीके पॉल ने भी संकेत दिया था कि सितंबर के आखिरी सप्ताह में वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। भारत बायोटेक के अनुसार तीसरे चरण के ट्रायल में कोवैक्सीन 77.8 प्रतिशत इफेक्टिव पाई गई है। कंपनी ने कहा है कि टीके से जुड़े सभी डेटा को डब्ल्यूएचओ के दिए गए हैं, वहीं, संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के सभी सवालों का जवाब भी भारत बायोटेक ने दे दिया है।