भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद को मिली सशर्त जमानत, दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने 16 फरवरी तक प्रदर्शन नहीं करने का दिया आदेश 

दिल्ली में तीस हज़ारी कोर्ट ने भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद को जमानत दे दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने आजाद को कुछ शर्तों के साथ राहत दी है। कोर्ट ने आजाद को 16 फरवरी तक प्रदर्शन नहीं करने का आदेश जारी किया है। कोर्ट ने शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन में शामिल होने पर भी रोक लगा दी है। इस मामले में गिरफ्तार 15 अन्य लोगों को नौ जनवरी को अदालत ने जमानत दे दी थी।

भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद को मिली सशर्त जमानत, दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने 16 फरवरी तक प्रदर्शन नहीं करने का दिया आदेश 
Pic of Bhim Army President Chandrashekhar Azad In jama maszid Protest Against CAA
भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद को मिली सशर्त जमानत, दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने 16 फरवरी तक प्रदर्शन नहीं करने का दिया आदेश 
भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद को मिली सशर्त जमानत, दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने 16 फरवरी तक प्रदर्शन नहीं करने का दिया आदेश 

दिल्ली में तीस हज़ारी कोर्ट ने भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद को सशर्त जमानत दे दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने आजाद को कुछ शर्तों के साथ राहत दी है। कोर्ट ने आजाद को 16 फरवरी तक प्रदर्शन नहीं करने का आदेश जारी किया है। कोर्ट ने शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन में शामिल होने पर भी रोक लगा दी है। इस मामले में गिरफ्तार किये गए 15 अन्य लोगों को नौ जनवरी को अदालत ने जमानत दे दी थी।

चंद्रशेखर आजाद को जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि वह चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकेंगे और चुनावों तक कोई धरना आयोजित नहीं करेंगे। आजाद के संगठन ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ 20 दिसंबर को पुलिस की इजाजत के बिना ही जामा मस्जिद से जंतर-मंतर तक विरोध मार्च का आह्वान किया था। आजाद पर लोगों को भड़काने का आरोप है।

चंद्रशेखर की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पब्लिक प्रोसिक्यूटर की तरफ से जमानत याचिका का विरोध करते हुए दलील दी गई थी कि उसने सोशल मीडिया पोस्ट्स के जरिए हिंसा भड़काई थी, लेकिन न्यायाधीश कामिनी लौ ने कहा कि इसमें उसके खिलाफ कोई हिंसा की बात नहीं है। लौ ने सवाल उठाया कि क्या प्रदर्शन और धरना गलत है।

उन्होंने पब्लिक प्रॉसिक्यूटर को यह याद दिलाया था कि प्रदर्शन एक संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने यहां तक पूछा कि उन्होंने संविधान को पढ़ा होगा। न्यायाधीश ने पब्लिक प्रसिक्यूटर से कहा- “आप ऐसे बर्ताव कर रहे हैं जैसे जामा मस्जिद पाकिस्तान में है। अगर यह पाकिस्तान में होता तो आप वहां जाकर प्रदर्शन कर सकते थे। पाकिस्तान अविभाजित भारत का हिस्सा था।

आपको बताते चलें कि चंद्रशेखर को अदालत द्वारा एम्स, दिल्ली में चिकित्सा उपचार प्राप्त करने की अनुमति दी गई है, क्योंकि वह पॉलीसिथेमिया से पीड़ित हैं।  चंद्रशेखर की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए तिहाड़ जेल अधिकारियों को चंद्रशेखर आज़ाद को तत्काल चिकित्सा उपचार देने का निर्देश दिया है। चंद्रशेखर के वकील ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने मुव्वकिल को जल्द चिकित्सा उपचार देने की मांग की थी।

दरअसल, पॉलीसिथिमिया एक ऐसी बीमारी है, जिसमें खून गाढ़ा हो जाता है। इस बीमारी में रक्त कोशिकाओं में असामान्य बढ़ोतरी होती है। पॉलीसिथिमिया वेरा में स्ट्रोक, हार्ट अटैक आदि का खतरा बढ़ जाता है। यह बीमारी मुख्य रूप से दो तरीके की होती है। एक पॉलीसिथिमिया वेरा और दूसरा है माध्यमिक पॉलीसिथिमिया।