बिहार :अब नजर नहीं आएगा पुलिस स्टेशनों के पास गाड़ियों का कबाड़

पटना. राज्य के सभी एक हजार 97 थानों और ऑउट पोस्ट (ओपी) को मिला कर करीब एक हजार 300 पुलिस स्टेशनों में जमा कबाड़ को हटाने की मुहिम शुरू होने जा रही है. अधिकतर थानों के मुहाने पर ही पुरानी और जंग खायी गाड़ियों का अंबार देखने को मिल जाता है. साथ ही थानों के मालखानों में जमा प्रदर्शों को व्यवस्थित करने के लिए भी समुचित कार्ययोजना तैयार की जा रही है. इन पुरानी और बेकार पड़ी गाड़ियों का निष्पादन नियमानुसार करने के लिए पुलिस मुख्यालय इससे संबंधित प्रारूप तैयार कर रहा है.

बिहार :अब नजर नहीं आएगा पुलिस स्टेशनों के पास गाड़ियों का कबाड़

पटना. राज्य के सभी एक हजार 97 थानों और ऑउट पोस्ट (ओपी) को मिला कर करीब एक हजार 300 पुलिस स्टेशनों में जमा कबाड़ को हटाने की मुहिम शुरू होने जा रही है. अधिकतर थानों के मुहाने पर ही पुरानी और जंग खायी गाड़ियों का अंबार देखने को मिल जाता है. साथ ही थानों के मालखानों में जमा प्रदर्शों को व्यवस्थित करने के लिए भी समुचित कार्ययोजना तैयार की जा रही है. इन पुरानी और बेकार पड़ी गाड़ियों का निष्पादन नियमानुसार करने के लिए पुलिस मुख्यालय इससे संबंधित प्रारूप तैयार कर रहा है.

इसके बाद इसे लागू करने को लेकर विस्तृत निर्देश जल्द ही सभी जिलों को भेजा जायेगा, ताकि इन्हें हटाया जा सके. सभी थानों में करोड़ों रुपये की गाड़ियां पड़ी हुई हैं. इसके तहत सभी जिलों में मौजूद तमाम थानों में बेकार पड़ी गाड़ियां समेत अन्य सामान की फेहरिस्त तैयार की जायेगी. इनकी पूरी इंवेंटरी तैयार करने के बाद कोर्ट से अनुमति लेकर इनकी विधिवत तरीके से नीलामी की जायेगी.

तीन तरह की गाड़ियां जब्त होकर आती हैं थानों में:

थानों में मुख्य रूप से तीन तरह की गाड़ियां जब्त होकर आती हैं. इनमें एक्सीटेंड केस या किसी केस से जुड़े मामले वाली गाड़ियां, बिना क्लेम वाली या बेनामी के अलावा शराब के मामले में जब्त होने वाली गाड़ियां शामिल हैं. सबसे ज्यादा संख्या शराब के मामले में जब्त होकर आने वाली गाड़ियों की है, परंतु इसके लिए राज्य सरकार के स्तर से विशेष कानून तैयार किया जा रहा है.

इसके बाद इन गाड़ियों की नीलामी करके इनके निष्पादन की प्रक्रिया आसान हो जायेगी. वहीं, बेनामी या बिना क्लेम वाली गाड़ियों की विधिवत तरीके से जिला प्रशासन से अनुमति लेकर नीलामी की जायेगी, जबकि केस से जुड़ी गाड़ियों की नीलामी कोर्ट से विधिवत अनुमति लेने के बाद ही की जायेगी. इसके अलावा मालखानों में जमा सभी प्रदर्शों की भी उपयोगता और अनुपयोगिता के आधार पर छंटनी करके इनका भी निष्पादन किया जायेगा.

इंवेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम होगा तैयार:

इसके लिए सभी थानों में इंवेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम तैयार करने की व्यवस्था की जा रही है. इसमें गाड़ी से लेकर अन्य सभी तरह के सामानों को श्रेणीबद्ध करते हुए पूरी तरह से व्यवस्थित किया जायेगा. साथ ही इनका समय-समय पर नीलामी करके निष्पादित भी किया जायेगा.