स्कूलों को बाल संरक्षण आयोग का आदेश- ऑफलाइन के साथ दिसम्बर तक चलाते रहें ऑनलाइन क्लास, ऐसे कराएं परीक्षा
ऑफलाइन कक्षा के साथ स्कूलों को बच्चों के लिए ऑनलाइन माध्यम से भी शिक्षा की व्यवस्था करनी होगी। बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने इस संबंध में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है और सभी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन माध्यम से शिक्षण व्यवस्था के विकल्प उपलब्ध कराने का निर्देश जारी किया है। बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. प्रमिला कुमारी के इस पत्र के आलोक में बिहार शिक्षा परियोजना के निदेशक ने भी मुजफ्फरपुर समेत सभी जिलों के डीईओ और डीपीओ को निर्देश दिया है कि वह इस संबंध में तुरंत कार्रवाई करवाएं और यह सुनिश्चित करें कि जो बच्चे ऑफलाइन कक्षा में भाग नहीं ले रहे हैं, उनके लिए ऑनलाइन कक्षा की व्यवस्था की जाए।
बच्चों की मांग पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने यह निर्णय लेते हुए इस संबंध में गाइडलाइन जारी की है। आयोग के इस आदेश के दायरे में सभी प्राइवेट स्कूल आएंगे, क्योंकि सरकारी स्कूल में पहले भी ऑनलाइन कक्षाएं नहीं चल रही थीं। राज्य परियोजना निदेशक ने निर्देश दिया है कि सरकारी स्कूल में जो बच्चे अभी स्कूल नहीं आ पा रहे हैं, उनको भी पहले की तरह दूरदर्शन पर क्लास करने को प्रेरित किया जाएगा। सभी स्कूलों को बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष के आदेश के आलोक में राज्य परियोजना निदेशक ने यह निर्देश जारी किया है कि दिसंबर तक जो भी परीक्षाएं संचालित होंगी, वह ऑनलाइन ही होंगी। आयोग ने स्पष्ट किया है कि ऑनलाइन माध्यम से शिक्षण की व्यवस्था का विकल्प उन्हीं स्कूलों पर लागू होगा, जहां पहले से यह माध्यम उपलब्ध था। ऐसे में सभी प्राइवेट स्कूल जो लॉकडाउन में ऑनलाइन कक्षा चला रहे थे, वह ऑफलाइन कक्षा के साथ अभी भी ऑनलाइन कक्षा की सुविधा बच्चों को देंगे।
ऑनलाइन विकल्प नहीं रहने के कारण पढ़ाई बाधित: बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ मीना कुमारी ने बताया कि आयोग के पास बड़ी संख्या में बच्चे और अभिभावकों की शिकायत आ रही थी कि ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। डॉ. प्रमिला ने बताया कि हमने बिहार सरकार के गृह विभाग के 25 अगस्त को निकाले गए पत्र का भी हवाला दिया है, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि बच्चों के ऑनलाइन माध्यम से शिक्षण व्यवस्था का विकल्प उपलब्ध रखा जाएगा। आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि दिसंबर में इसे लेकर फिर से एक बार समीक्षा की जाएगी और उसके बाद फिर निर्णय लिया जाएगा कि आगे किस तरह की व्यवस्था करनी है। अभी जितनी भी परीक्षाएं होंगी, उनमें जो बच्चे ऑफलाइन नहीं शामिल हो पा रहे हैं, उनके लिए भी स्कूल ऑनलाइन परीक्षा की व्यवस्था करवाएंगे।
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